सागर-आंवला वृक्ष का पूजन और परिक्रमा कर महिलाओं ने मनाई अक्षय नवमी
सागर-आंवला वृक्ष का पूजन और परिक्रमा कर महिलाओं ने मनाई अक्षय नवमी
सागर-आंवला वृक्ष का पूजन कर पूरे उत्साह के साथ मनाई आंवला नवमी
सनातन धर्म में अक्षय नवमी का पर्व बड़ा महत्व रखता है। क्योंकि यह कार्तिक मास में पड़ता है। सागर जिले के राहतगढ़ में महिलाओं ने यह त्यौहार पूरे उल्लास के साथ मनाया। सुबह से ही महिलाएं आंवला वृक्ष का पूजन परिक्रमा करने नगर में कालकानंद जी समाधि स्थल विद्युत मंडल वन विभाग समेत नगर में जहां जहां पर आंवले पेड़ लगे थे वहां जाकर पूजन किया। पंडितों से आंवला नवमी की कथा सुनी और उसका महत्त्व भी जाना। कथा के अनुसार यह सर्व पाप दोष से परिवार को मुक्त कराती हैं। परिवार में आरोग्य मय रहता है पुत्र रत्न और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कहा जाता है की आज के दिन माता लक्ष्मी ने भी व्रत रखा था और आंवले के वृक्ष के नीचे जाकर भोजन ग्रहण किया था। उसी परंपरा के तहत महिलाओं ने घर से भोजन ले जाकर आंवले के वृक्ष के नीचे परिवार समेत भोजन किया।-