अजब-गज़ब मामला, बैलगाड़ी से ढोल नगाड़ों के साथ ले गए RTI के तहत मिली जानकारी
जब एक शख्स को काफी मशक्कत के बाद आरटीआई के तहत जानकारी मिली तो अजब गज़ब तस्वीर देखने को मिली। वो सूचना के अधिकार के अंतर्गत मिली जानकारी को बैलगाड़ी से ढोल नगाड़ों के साथ ले गए। अजीबोगरीब ये मामला एमपी के शिवपुरी जिले का है। दरअसल बैराड़ के आरटीआई एक्टिविस्ट माखन धाकड़ को पहले तो जानकारी दी ही नहीं। अपील के लिए उन्हें ग्वालियर से भोपाल तक जाना पड़ा। अब जब जानकारी मिली तो करीब 9 हजार पेज की जानकारी के लिए उनसे 25 हजार रुपए शुल्क के रूप में जमा करवाये गए। बताया गया की माखन धाकड़ ने बैराड़ नगर पंचायत के घोटालों को उजागर करने के लिए आरटीआई लगाई। जिसमें 2 महीने तक घूमने के बाद जब जानकारी नहीं मिली तो अपील की और इस अपील के बाद सूचना आयुक्त, भोपाल ने जानकारी देने का आदेश दिया। तब कहीं जाकर बतौर शुल्क 25 हजार रुपए जमा कराने की कहा। इतने पैसे की व्यवस्था न होने पर कर्ज लेकर पैसे जमा कराए। इतने संघर्ष के बाद खाली जेब होने का दर्द तो माखन के चेहरे पर था। लेकिन जानकारी मिलने की खुशी भी थी। वो नगर परिषद बैराड़ कार्यालय बैलगाड़ी से पहुंचे जहां 9 हजार पेज गिनने चार दोस्तों को साथ ले गए। जिन्हें गिनने में दो घण्टे लगे। फिर सिर पर कागज लेकर माखन ने खुद बैलगाड़ी में रखे। फिर ढोल नगाड़ों के साथ नगर पंचायत कार्यालय से अपने घर बैलगाड़ी खुद हांक कर ले गए। भी हैरान रह गए और ये चर्चा का विषय भी बन गया।