सागर- अगर सांस तेज रफ़्तार से चले तो इसे न करें नज़र अंदाज़
विश्व निमोनिया दिवस के मौके पर सागर के ज़िला अस्पताल में संगोष्ठि आयोजित की गयी। जिसे टीबी और चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष और सह प्राध्यापक डॉ. तल्हा साद ने सम्बोधित किया। बताया गया की मध्य प्रदेश शासन द्वारा साँस (SAANS) अभियान भी 12 November 2022 से 23 फ़रवरी 2023 तक चलेगा। इस अभियान के अंतर्गत संगोष्ठी में डॉ. साद ने निमोनिया के लक्षण, इलाज और बचाव से सम्बंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया की 2 महीने से 1 साल तक के शिशु में साँस की रफ़्तार 50 से ज्यादा, 1-5 साल में साँस की रफ़्तार 40 से ज्यादा, 5 साल से ज्यादा किसी भी आयु वर्ग में 30 से ज्यादा साँस की रफ़्तार प्रति मिनट और पसलियाँ चलना ख़तरे की घंटी होती है। हर माँ और हेल्थकेअर वर्कर को ये लक्षण पहचान में आने चाहिए। ताकि समय रहते हुए मरीज़ को अस्पताल पहुंचाया जा सके। इसके साथ-साथ उन्होंने सभी बच्चों में पूर्ण टीकाकरण पर भी ज़ोर दिया। साफ़ पानी पीने का और धूम्रपान त्यागने पर भी ज़ोर दिया। इस संगोष्ठी को डॉ. प्रिन्स जैन ने भी सम्बोधित किया और शासन द्वारा साँस प्रोग्राम की जानकारी दी। दरअसल बीएमसी के टीबी और चेस्ट विभाग, ज़िला अस्पताल, इंडीयन मेडिकल एसोसीएशन (IMA ) और एसोसीएशन ऑफ चेस्ट फिजिशियन (ACPS) के तत्वाधान में विश्व निमोनिया दिवस पर ज़िला अस्पताल में संगोष्ठि आयोजित की गयी थी। कार्यक्रम में डीन डॉ. आर एस वर्मा, सीएमएचओ डॉ. ममता तिमोरी, डॉ. नीना गिडयन समेत अन्य डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ़ मौजूद था।