सागर-मन्नत पूरी होने पर अंगारों पर चलते हैं श्रद्धालु, जानिए क्या है किवदंती || SAGAR TV NEWS ||
सागर से करीब 65 किमी दूर स्थित देवरी में देव श्रीखंडेराव का प्रसिद्ध अग्नि मेला मंगलवार से शुरू हो गया है। अगहन माह की चंपा षष्ठी से शुरु होकर यह मेला 8 दिसंबर तक चलेगा। मेला देखने के लिए देवरी समेत आसपास के हजारों लोग पहुंचे। पहले दिन 135 श्रद्धालु आग के दहकते अंगारों पर से निकले और भगवान खंडेराव की आराधना की। सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भीड़ रही। वर्षों से मेले में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने पर अग्नि कुंड में डले दहकते अंगारों पर से निकलते हैं। मेले में सागर जिले के साथ ही आसपास के जिलों के भक्त पहुंचते हैं। मेले में दुकान और झूले लगे हैं। लोग बताते हैं कि एक बार राजा यशवंतराव के पुत्र बीमार पड़ गए थे। तब देव खंडेराव ने दर्शन देकर कहा कि भट्टियां खोदकर अंगारे डाले और हाथ से हल्दी डालकर अग्नि के ऊपर से निकलें तो आपका बेटा ठीक हो जाएगा। राजा ने उनकी बात मानते हुए ऐसा किया और उनका बेटा ठीक हो गया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर दहखते अंगारे में नंगे पांव आग के ऊपर से चलते हैं। प्राचीन श्रीखंडेराव मंदिर वास्तुकलां की एक अद्भुत मिसाल है। मंदिर में एक विशेष छिद्र है। जिसमें साल में एक बार अगहन माह की षष्ठी के दिन सूर्य की किरणें शिवलिंग की पांच पिंडों पर ठीक 12 बजे पड़ती हैं। तब लोग अग्निकुंड में से निकलते हैं। पंडित बताते हैं कि जब नवंबर में चंपा षष्ठी पड़ती है, तब सूर्य की किरणें शिव की पांच पिंडों पर पड़ती हैं।