सागर-गढ़ाकोटा में बह रही भक्ति की धारा, राजेन्द्र दास महाराज को सुनने उमड़ रही भीड़
सागर-गढ़ाकोटा में बह रही भक्ति की धारा, राजेन्द्र दास महाराज को सुनने उमड़ रही भीड़
सागर-पूरा गढ़ाकोटा भक्ति में डूबा कथा पंडाल में खचाखच भीड़
बृज की धरा पर एक माह तक नन्दोत्सव मनाया जाता है। ये बात सागर के गढ़ाकोटा में आयोजित भक्तमाल कथा में राजेन्द्र दास महाराज ने कही है। कथा के छठवें दिन गोपाल जी खेल परिसर कथा स्थल से पूज्य रसिक प्रवर्धक मलूकपीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज ने मंच से सभी विराजमान संतों और महंतों को यथायोग्य प्रणाम करते हुए कथा की शुरुआत की। अध्यक्षता परमहंस पूज्य किशोर दास देव जू गोरेलाल कुंज, वृंदावन, निर्देशन पूज्य रामानुगृहदास महाराज अजब धाम छोटे सरकार का मिल रहा है। राजेन्द्र दास महाराज ने बृज के संतों द्वारा एक महीने का नन्दोत्सव मनाया जाता है। काल का समय नियत होता है। पंचांग के गणित को आप बदल नही सकते नही तो पूरी व्यवस्था बदल जायेगी। चार याम का दिन होता है और चार याम की रात। रात को त्रियामी भी कहा गया है। अग्नि देवताओं का मुख होने के कारण अग्नि में ही आहुति दी जाती है। धुंआ जिस अग्नि में उठ रहा हो। उसमें आहुति देना उचित नही है। इसलिये प्रचंड अग्नि में आहुति देना चाहिए। महर्षि मार्केंडेय ने प्रचंड अग्नि में आहुति दी जो जल नही पाई थी और देखते ही देखते जल से हाहाकर हो गया। बट के पत्ते पर एक बालक तैरता हुआ अंगूठा चूस रहा था। यह और कोई नही देवता है। हमको जो अनुभव हुआ वह सच था या झूठ। जय बोलने का अर्थ अपने समस्त माया रुप से निवृत होना है। शनिवार को श्री मद भागवत श्री भक्त माल कथा में नगर के 175 यजमानो ने पूजन किया। सभी सन्त आचार्यों का स्वागत कथा संयोजक अभिषेक भार्गव ने किया। वहीं पूज्य मुक्तानन्द स्वामी अमृत झिरिया सरकार का भी आगमन हुआ जिन्होंने श्रद्धालुओं को उपदेश दिए। बता दें की कथा स्थल हर रोज़ साधु संत समाज का आगमन हो रहा है।--------
By - sagar tv newsRavi Soni Sagar TV News from Gadhakota.