सागर गौरव दिवस के उपलक्ष्य में सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ चंद्रशेखर शुक्ला के निर्देशा पर 19 नवंबर से 25 नवंबर तक ओपन टैरेस गार्डन स्पर्धा आयोजित किया गया था। इसके तहत सागर के प्रकृति प्रेमी, जिन्होंने अपने घर की छत एवं बालकनी पर सुंदर व व्यवस्थित गार्डन लगाए हैं, ऐसे 58 प्रतिभागियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराया था। जमा की गई प्रविष्टि के आधार पर संयुक्त संचालक उद्यानिकी के प्रतिनिधिआर डी चौबे, सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड से केपी श्रीवास्तव प्रशासकीय अधिकारी, राघव शर्मा उपयंत्री, अमिता बघेल उपयंत्री एवं सुश्री वैदेही चौबे एसोसिएट आर्किटेक्ट पीएमसी सहित कुल 5 सदस्यों की बनाई गई समिति द्वारा गार्डनों का स्थल निरीक्षण कर निर्धारित आयामों के आधार पर मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन के आधार पर 1 प्रथम विजेता, 2 द्वितीय विजेता एवं 2 तृतीय विजेताओं का चयन किया गया है। जिन्हें पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए दिसम्बर में ही कलेक्टरेट सभाकक्ष में पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इन पांच विजेताओं के अलावा ओपन टैरेस गार्डन स्पर्धा में टॉप 11 प्रतिभागियों को शील्ड व प्रमाणपत्र और शेष प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। ओपन टैरेस गार्डन स्पर्धा हेतु प्रथम पुरस्कार राशि रूपये 15000/-, द्वितीय पुरस्कार राशि रूपये 10000/-, एवं तृतीय पुरस्कार राशि रूपये 5000/- निर्धारित की गई है।
इन आयामों पर मूल्यांकन कर किया गया विजेताओं का चयन
गार्डन का एरिया(क्षेत्रफल)- 20वर्गफुट, 50 वर्गफुट, 100 वर्गफुट, 150 वर्गफुट तक एवं 150 वर्गफुट से अधिक एरिया के आधार पर 2 से लेकर 10 मार्क्स तक दिए गए।
पौधों की प्रजातियां- फलदार पौधे, वेजिटेबल पौधे, फूलदार पौधे, हर्ब्स/शर्ब्स, मैडिटेशनल एवं ऐरोमेटिक प्लांट्स, बोनसई प्लांट्स, रेयर स्पीसीज ऑफ़ प्लांट्स, डेकोरेटिव प्लांट्स सभी को 2-2 मार्क्स दिए गए।
प्लांटेशन का प्रकार- सदैव हरे रहने वाले पौधे व मौसमी पौधे दोनों के 3-3 मार्क्स।
कंपोजिट ट्रीटमेंट- घर में कंपोजिट व मार्केट से दोनों को 2.5-2.5 मार्क्स। वॉटर कंन्सम्प्शन- मेन्युअल प्रोसीजर, चैनल वॉटर सप्लाई या हाईड्रोपॉइंट्स को 2.5-2.5 मार्क्स।
पौधों का मेंटेनेन्स- हैल्दी प्लांट्स, पौधों की कटिंग व शेप से डेकोरेशन को 2-2 मार्क्स।
गार्डनिंग टूल्स व गार्डन की स्वच्छता दोनों को 2-2 मार्क्स
उक्त निर्धारित आयामों के आधार पर कुल 50 अंकों में से प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेता ने कुल 45 अंक प्राप्त किए।
ये रहे विजेता
प्रथम- डॉ नीरज दुबे ने 50 मे से 45 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया। इनके गार्डन का क्षेत्रफल 450 वर्गफुट से अधिक था। इन्होंने अपने ओपन टैरेस गार्डन को सुव्यवस्थित रखते हुए चैनल वॉटर सप्लाई एवं मार्केट कम्पोजिट ट्रीटमेंट को छोड़ कर लगभग सभी निर्धारित आयामों को पूरा किया है।
द्वितीय- प्रोफेसर श्री संजीव दुबे एवं श्रीमति आराधना झा ने 50में से 42 अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान हासिल किया।
तृतीय- श्री अवधेश कुमार सिंह एवं डॉ वंदना गुप्ता ने 50 में से 38 अंक प्राप्त कर तृतीय स्थान हासिल किया।
उक्त पांचो विजेताओं को निर्धारित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।इसके साथ ही कुल 50 में से 30 से अधिक अंक पाने वाले 11 नागरिकों को उनके बेहतर ओपन गार्डन के लिए सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा और प्रतियोगिता में सहभागिता करने वाले शेष सभी सहभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जायेंगे।
प्रतियोगिता आयोजन का उद्देश्य- तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण घनी आबादी वाले इलाकों में एवं व्यस्त जीवनशैली के बावजूद कुछ नागरिक दिन-रात मेहनत कर पेड़-पौधों की बच्चों की तरह देखभाल कर टैरेस गार्डनों को अपने घर में तैयार करते हैं। ऐसे नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सामान्यतः अधिकांश घरों की छतों या खाली स्थलों का उपयोग अनुपयोगी वस्तुओं, कबाड़ आदि को रखने व डंपयार्ड की तरह किया जाता है, इससे घरों में गंदगी होने के साथ ही स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं, इस प्रतियोगिता का एक अन्य उद्देश्य यह भी है कि नागरिक अपने घर की छत या अन्य खाली पड़े स्थलों को डंपयार्ड की तरह उपयोग करने की आदत को छोड़ते हुए उक्त स्थल को मॉडर्न गार्डन में बदलकर बहुपयोगी बनाने हेतु प्रेरित हों। इन गार्डनों में औषधीय पौधे जैसे तुलसी, पत्थरचट्टा, अजवाइन, मीठा नीम, लेमन ग्रास, धनिया आदि सहित सुन्दर पुष्पीय पौधे जैसे गुलाब, गुड़हल, गेंदा आदि भी लगाए जा सकते हैं। इसके साथ ही स्थल उपलब्धता अनुसार गार्डन को और भी सुंदर व उपयोगी बनाने हेतु मॉडर्न सुविधाएं जैसे वाटर पोंड, बच्चों के लिए स्लाइडर, झूले, सिटिंग एरिया, हैंगिंग प्लांट्स सहित आर्टिफिशियल ग्रास आदि का उपयोग भी किया जा सकता है। समय की कमी के चलते दूरदराज जाने में असमर्थ व्यक्तियों के लिए व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय प्रकृति के पास शांति से गुजारने एवं पार्क जैसा खुला वातावरण पाने के लिए टैरेस गार्डन एक अच्छा विकल्प है। इसे किचिन गार्डन के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। मध्यम आकार के पौधों से युक्त टैरेस गार्डनों का महत्व शहर की हरियाली बढ़ाने में भी है। सागर को स्वच्छ भारत मिशन में अग्रणी बनाने हेतु यह नवाचार बहुमूल्य योगदान देगा।
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