मध्यप्रदेश में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए गृहमंत्री ने बड़ी बात कही है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा- मैरिज ब्यूरो और शादी कराने वाली संस्थाओं को लड़के-लड़की के डॉक्यूमेंट्स का पुलिस वेरिफिकेशन कराना चाहिए। ये काम वे शादी से पहले ही कर लें। उनके पास दोनों पक्ष की जानकारी करीब एक महीने पहले आ जाती है। गृहमंत्री ने भोपाल में आधार कार्ड में नाम बदलकर शादी करने का मामला सामने आने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा- लव जिहाद रोकने के लिए हम गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
गृहमंत्री ने गुरुवार को कहा- मैरिज ब्यूरो और शादी कराने वाली संस्थाओं के पास लड़का और लड़की की जानकारी एक महीने पहले आ जाती है। इनके पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भी पुलिस से बातचीत करना चाहिए। पुलिस वेरिफिकेशन कराने वाली बात पर विचार करना चाहिए। इससे इस तरह की घटनाओं को रोकने में एक कारगर कदम और होगा। भोपाल में दलित छात्रा से लव जिहाद का मामला सामने आया है। आरोपी ने खुद को पंडित बताकर दोस्ती की थी। इस मामले में गृहमंत्री ने कहा कि कार्रवाई हो गई है। लव जिहाद रोकने के लिए हम इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं कि मैरिज रजिस्ट्रार ब्यूरो और विवाह की जो भी रजिस्ट्रेशन की संस्थाए हैं, इसमें नोटरी भी शामिल हो। मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने पिछले साल 29 दिसंबर को धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 को मंजूरी दी थी। इस कानून के जरिए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद और 50 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश की राज्यपाल रहीं आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को स्वीकृति दी थी। इसमें शादी की आड़ में धोखाधड़ी कर धर्मांतरण कराने पर सख्त दंड का प्रावधान किया गया है। उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश तीसरा राज्य है, जहां इस तरह का अध्यादेश लागू किया गया है।
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