सागर- विवि को हाईकोर्ट का नोटिस, 2013 में नियुक्त शिक्षकों के नियमतीकरण कार्रवाई पर लगाया स्टे
सागर डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय को हाईकोर्ट का नोटिस आया है। जहां 2013 में नियुक्त शिक्षकों के नियमतीकरण कार्रवाई पर स्टे लगा दिया है। वहीं 8 हफ्ते में जबाव दाखिल होने तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने की बात कही। विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो. एनएस गजभिए के कार्यकाल के दौरान हुई नियुक्तियों के नियमतीकरण के मामले में है कोर्ट के न्यायाधीश मनिन्दर भट्टी की न्यायालय ने दीपक गुप्ता की याचिका पर विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया है। ईसी में इस संबंध में प्रस्ताव लाए जाने पर भी स्टे लगा दिया है। गौरतलब है की पूर्व कुलपति प्रो.एनएस गजभिए के कार्यकाल के दौरान विवि में कई विभागों में शिक्षक के पदों पर नियुक्तियां निकाली गई थीं। उस दौरान 82 पदों पर निकाली गई नियुक्तियों के विरूद्ध 176 पदों पर नियुक्तियां कर ली गई थीं। मामले में शहर के आरटीआई एक्टिविस्टो ने राष्ट्रपति के यहाँ शिकायत समेत कोर्ट में गहरा लगाया। जिस पर पूर्व कुलपति प्रो. गजभिए समेत तत्कालीन इसी के कई सदस्यों पर सीबीआई ने प्रकरण दर्ज किए और इस मामले में पूर्व कुलपति को कुछ समय जेल भी जा पड़ा। बताया गया की विवि में 14 नवम्बर को हुई ईसी बैठक में वर्तमान में कार्यरत 102 में से 82 ऐसे शिक्षकों के नियमतीकरण का प्रस्ताव लाया गया था। तब तीन सदस्यों ने इसका विरोध किया। तो इसके पहले भी पूर्व कुलपति आरपी तिवारी के कार्यकाल के दौरान 2019 में हुई कार्यपरिषद बैठक में आए ऐसे प्रस्तावों पर कहा गया था की 2013 की यह प्रक्रिया टिन्टेड यानी दागदार है। यही जबाव हाईकोर्ट में चल रहे मामले में विवि द्वारा कहा गया था। तब भी हाईकोर्ट ने मामले में कमेटी बनाए जाने की बात कही थी। यही नहीं विजीटर यानी राष्ट्रपति के यहाँ हुई शिकायत के बाद वहां से भी कमेटी बनाने का पत्र आया था। नवम्बर में ईसी बैठक में हुई कार्रवाई के बाद डॉ. गुप्ता ने फिर हाईकोर्ट में याचिका लगाई जिस पर यह स्टे आया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने इस संबंध में विवि को नोटिस जारी कर जबाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है साथ ही प्रकरण के निराकरण तक नियमतीकरण की कार्रवाई नहीं किए जाने और यथा स्थिति बहाल रखे जाने के भी निर्देश दिए हैं।