घर में कबाड़ पड़ी ऐसी वस्तुएं जो बढ़ा सकती है आपके घरों की शोभा
सागर - आर यानी रीयूज, रिड्यूस, और रि-सायकिल तथा मटका खाद बनाना स्वच्छता सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण घटक है जिसमें हम अपने घर में कबाड़ पड़ी ऐसी वस्तुएं जिनको हम खराब समझ कर फेंक देते हैं, लेकिन फेंकने से पहले यह नहीं सोचते कि इनको पुनः उपयोगी बनाया जा सकता है जो हमारे घर और बगीचे की सुंदरता बढ़ाने में सहायक हो सकती है। प्रायः देखने में आता है कि हर घर में गाड़ियों के निकले हुए पुराने टायर, प्लास्टिक बॉटल, और प्लास्टिक के कुप्पे रखे रहते हैं जिन्हें हम कबाड़ समझ कर एक और रख देते हैं परंतु उन चीजों को काटकर और उनमें मिट्टी भरकर उसमें पौधे लगाए जाएं तो वही टायर घर की सुंदरता बढ़ाएंगे इसी प्रकार प्लास्टिक की बोतल और कुप्पे को काटकर भी उनमें पौधे लगाकर उन्हें पुनः उपयोग में ले सकते हैं इस प्रकार वह वस्तु जिसे हम बेकार समझ कर फेंक देते थे वह पुनः अपने उपयोग में लेने योग्य हो जायेगी। गर्मियों में हर घर में मिट्टी के मटके आते हैं लेकिन उनके उपयोग पश्चात हम एक और रख देते हैं परंतु अगर उस मटके के उपयोग पश्चात उसमें हम मटका खाद बनाए तो एक और हम अपने घरों से निकलने वाली गीले कचरे के उत्सर्जन को कम कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर घर में लगे पौधों को खाद की पूर्ति भी कर सकते हैं। गीले कचरे से मटका खाद बनाने की विधि बहुत आसान है और इसमें अलग से कोई वस्तु की व्यवस्था नहीं करना पड़ती बल्कि उनकी पूर्ति घर में ही पूरी हो जाती है जैसे घर में ही रखे पुराने मटके को लेकर उसमें गोलाई में नीचे की ओर छोटे-छोटे छेद कर दें फिर उसमें थोड़ी सी मिट्टी डालें और घर से निकलने वाले गीले कचरे जैसे फल सब्जियों के छिलके पौधों की पत्ती आदि को डालकर उसमें थोड़ा सा गुड और दही डालकर मटके का कपड़े से मुॅह बांधकर छत के किसी कोने में रख दें फिर 7 दिन बाद तक घर से निकलने वाले गीले कचरे को डालते रहें फिर उस मटके को अच्छी तरह हिलाकर फिर उसमें 28 दिन तक गीला कचरा डाले तत्पष्चात उस मटके को एक माह के लिये एक ओर रख दें तब एक माह बाद उसमें खाद बनकर तैयार हो जायेगा।