63 साल पहले भारत ने जीता था पोलो वर्ल्ड कप, नेशनल पोलो प्लेयर में राजपरिवार के सवाई पद्मनाभ ने लिया हिस्सा
Stvn Sport Desk जोधपुर के पोलो ग्राउंड में 6 दिसंबर से शुरू हुए पोलो के 23वें सीजन का शनिवार को समापन हो गया। इस सीजन में जयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और नेशनल पोलो प्लेयर सवाई पद्मनाभ ने भी हिस्सा लिया। रविवार को उन्होंने जोधपुर पोलो के संरक्षक पूर्व नरेश गजसिंह के प्रयासों की तारीफ की। इस सीजन के अपने अनुभव भी उन्होंने साझा किए। अपनी तैयारियों का जिक्र करते हुए सवाई पद्मनाभ अपनी फेवरेट घोड़ी सालसा का जिक्र करना नहीं भूले। पद्मनाभ, वर्ल्ड कप मैच में भारत को रिप्रजेंट करने वाले सबसे यंगेस्ट पोलो प्लेयर रहें हैं। वह इस खेल में देश का नाम ऊंचा करना चाहते हैं। जयपुर राजघराने का पोलो से हमेशा जुड़ाव रहा है। जोधपुर में सवाई पद्मनाभ का यह जुड़ाव साफ नजर आया। राजघराने से जुड़े पद्मनाभ और उदयपुर पूर्व राजघराने से जुड़ीं विजयश्री शक्तावत इस खेल में खास आकर्षण रहे। हरी घास के मैदान में घोड़ों पर सवार होकर स्टिक हाथ में लिए बॉल से गोल करने वाले गेम पोलो का पूर्व राजघरानों से गहरा नाता है। यही कारण है कि आज भी पूर्व राजघराने इस खेल से जुड़े हैं। जोधपुर पोलो का संरक्षक है। जयपुर पूर्व राजघराने से सवाई पद्मनाभ और उदयपुर से विजयश्री शक्तावत उर्फ डायमंड ने जोधपुर पोलो के 23वें सीजन में हिस्सा लिया।