गारमेंन्टस की बारीकी और विपणन के गुर सिखाने सूरत से आए व्यापारी, महिला समूह की सखियां बनेगी कपड़ा व्यापारी
Stvn Information Desk आजीविका मिशन से जुड़ी महिला समूह से चयनित उद्यम सखियों को गारमेंन्टस पर प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रशिक्षण में सूरत से आए कपड़ा व्यापारी जो रेडीमेंड गारमेंन्टस का काम भी करते है, ने उन्हे गारमेंन्टस की बारीकीयों का प्रशिक्षण दिया। सूरत के व्यापारी श्री मलिक बुन्देला ने बताया कि महिला समूह वर्तमान सिलाई सेन्टर के साथ उच्च गुणवत्ता और बाजार की प्रतिस्पर्धा का सामना करने वाली क्वालिटी का कपड़ा तैयार कर सकती है। महानगरों में वर्क शॉप की बिल्डिंग, बिजली का बिल, लेबर कास्ट, बहुत अधिक होती है। सूरत में कपड़ा भले ही सस्ता हो, पर जब प्रस्संकरण करने जाते है, तो ये फेक्टर कीमतों को बढ़ा देते हैं। आजीविका भवन में उत्सुक महिला सदस्यों को प्राथमिक प्रशिक्षण दिया गया। जिला परियोजना प्रबंधक श्री दिनेश शर्मा ने उपस्थित महिला समूहों से चर्चा करते हुये बताया कि वर्तमान में स्कूल यूनिफार्म तैयार करना और स्कूलों तक पहुँचाने की जिम्मेंदारी उन समूहों की है। लेकिन इसके साथ ही साथ हमारे पास जो सिलाई कार्य के लिये इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है, उससे बाजार में बिकने वाले रेडीमेंड गारमेंन्टस और ऑनलाईन बाजार को ट्रेप किया जा सकता है। इसके लिये उद्यम सखी प्राथमिक लागत लगाकर आजीविका रेडीमेंड गारमेंन्टस शॉप खोलकर विपणन का कार्य कर सकती है। श्री बुन्देला ने कहा कि इनकी बिक्री को बढ़ाने के लिए ऑनलाईन पोर्टल पर इन्हें सप्लाई आर्डर दिलाने में मदद करेंगे। जरूरत पड़ने पर सभी प्रकार का कच्चा माल फैशनेबल डिजाईन तैयार करने में वे इस ग्रुप को सतत् ऑनलाईन प्रशिक्षण देगें। जरूरत पड़ने पर ट्रेन्ड कारीगर भी भेज दिए जाएंगे। प्रशिक्षण में राधे तिवारी, डॉ. वीरेन्द्र कोरी, सहा. विकासखण्ड प्रबंधक के अलावा बीना विकासखण्ड से प्रीति कुशवाहा, सागर से सीमा ठाकुर, रहली से गोमती जाटव, देवरी से कलावती लोधी, वंदना लोधी समेत 26 महिलायें उपस्थित रही।