बेटी को बोझ न समझो, बेटे के बराबर से कमाई करके दे रही बेटियां
Stvn Information Desk सागर जिले के बण्डा विकासखण्ड के ग्राम जगथर की 2 बेटियों ने अपनी सफलता की दास्तान लिखकर बेटियों के बारे में लोगों के मांइड सेट को बदलने के लिए रोल मॉडल बन गई है। तीन बहनों में से सबसे छोटी कुमारी क्रान्ति लोधी ने आजीविका मिशन के अन्तर्गत डीडीयूजी केवाय योजना में इंदौर में ड्रीम वीवर संस्था में 6 माह का प्रशिक्षण लिया था, प्रशिक्षण के उपरान्त उनका कैम्पस सिलेक्सन हो गया और वर्तमान में इंदौर, उज्जैन हाईवे पर टोल नाका में ड्यूटी कर रही है। वे पांच सहेलियां एक ही मकान में एक साथ रहकर अपना खाना खर्चा शेयर करती है। क्रान्ति नौकरी के साथ-साथ स्नातक की पढ़ाई भी पूरी कर रही है। वे अपनी कमाई से 1 लाख रूपये से अधिक अपने पिता को नगद राशि भेज चुकी है। इसके अलावा स्वयं के लिये गोल्ड चैन, झुमके भी खरीदे। चालू खरीफ में पिता के पास पैसे नही थें, इसलिये उन्होंने सोयाबीन नही बोने का निर्णय लिया तो बेटी ने पिता के निर्णय को बदल दिया और अच्छे किस्म के सोयाबीन के बीज खरीदने के लिये पिता के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिये। छोटे भाई की पढ़ाई के लिये भी उसने मदद की क्रान्ति की। बड़ी बहन कुमारी कीर्ति आजीविका मिशन से जुड़कर बैंक सखी समूह सी.आर.पी. सी.एच.सी. संचालक और व्ही. पी. आर.पी का कार्य करती है। कीर्ति भी अपने पिता के लिये किसी कमाऊ बेटे से कम नहीं है। इस दीवाली कीर्ति की कमाई से ही दरवाजे पर नई स्कूटी खड़ी हुई। दोनों बहनों ने निर्णय लिया कि वे घर में एक बड़े पक्के कमरे का निर्माण करेगी ताकि मेहमानों के बैठने के लिए एक सुन्दर और व्यवस्थित कमरा हो। 15000 रूपया प्रति माह कमाने वाली कीर्ति अपनी पढ़ाई भी कर रही हैं। उनका सपना है कि वह पुलिस इंस्पेक्टर बने फिलहाल व अपनी स्कूटी से वृद्धावस्था पेंशन बांटने में व्यस्त है। कीर्ति ने बताया कि उसकी छोटी बहन जब से घर के बाहर गई हैं उसके बोलचाल का तरीका रहन सहन, कपड़े पहनने का सलीफा विशिष्ट हो गया है। प्रशिक्षण ने उसकी पर्सनालटी डेप्लप कर दी है। सागर जिला कलेक्टर श्री दीपक आर्य का कहना है कि स्किल डेवलपमेंट के इस कार्यक्रम से सागर जिले की बेटियों ने घर से बाहर निकलकर अपनी पहचान बनाई है। जिले की अनेक बेटियां है, जो अपने परिवार को चलाने में पिता की मदद कर रही है। जिला पंचायत के सीईओ श्री क्षितिज सिंघल के अनुसार आजीविका मिशन के अन्तर्गत महिला समूह के परिवारों की बेटियों और बेटों को डीडीयूजीकेवाय में निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था है। ग्रामीण गरीब परिवार इस का लाभ लें।