जिस मेटाडोर में बैठे वही बना मौत का कारण, हादसा देखकर लोगों के आ गए आंसू
मुरैना - मुरैना में हुए हादसे ने सबका दिल देहला दिया है। राजस्थान के दंपती अपने तीन बच्चों के साथ एक मेटाडोर में बैठे थे। इसमें लोहे की चादर के बड़े बंडल लदे थे। घिरौना हनुमान मंदिर के पास अचानक बंडलों की रस्सी खुल गई। और लोहे की चादरें परिवार पर आ गिरीं। इस हादसे में दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई है। जबकि एक बेटी और पति पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए है। बता दे की धौलपुर के निवासी शब्बीर पुत्र शरीफ खान, पत्नी रुखसार बानो और तीन बेटियों चार साल की मुस्कान उर्फ शकीना, तीन साल की बुशरा और दस साल की अनीसा धौलपुर से ग्वालियर जा रहे थे। लेकिन शब्बीर की जेब से बटुआ गिर गया। और उसके पास वापस जाने लायक किराए के पैसे नहीं बचे। उसी समय ग्वालियर से धौलपुर के लिए एक मेटाडोर जा रही थी। शब्बीर ने उस मेटाडोर वाले को अपनी मजबूरी बताई, तो वह फ्री में पूरे परिवार को धौलपुर ले जाने के लिए तैयार हो गया। सभी मेटाडोर की ट्रॉली में बैठ गए। जहां लोहे की चादर के बड़े-बड़े बंडल लोड थे। मेटाडोर में लदे लोहे की चादर के बड़े बंडल रस्सियों से बंधे थे। रास्ते में जब मेटाडोर हिले तो बंडल भी हिलते थे। अचानक बंडरों के पैने किनारों से रस्सी कट गई। और मुरैना पार करके घिरौना मंदिर के पास ही एक स्पीड ब्रेकर पर मेटाडोर उछली तो मेटाडोर में लदे बंडलों की रस्सी खुल गई और बगल में बैठे परिवार के ऊपर गिर गई। जंहा पति पत्नी समेत बच्चे गंभीर रुप से घायल हो गए। मौके पर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया जबकि 2 बेटियों को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।