देख बोल और सुन भी नहीं सकती लड़की, फिर भी देंगी 10वीं का एग्जाम
Stvn State Deskइंदौर- हम उस छात्रा की बात कर रहे है जो न देख सकती है, न बोल सकती है, न सुन सकती है। इसके बावजूद अपने जज्बे के दम पर वह न सिर्फ पढ़-लिख सकती है, बल्कि इस बार दसवीं MP बोर्ड एग्जाम देने जा रही है। यह छात्रा 30 साल की गुरदीप कौर वासु इंदौर की रहने वाली है। बता दे की इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी प्रीतपाल सिंह की बेटी गुरदीप है। 10 फरवरी 1991 में पत्नी मनजीत कौर ने दो जुड़वां बेटियों को जन्म दिया था। जन्म के बाद दोनों बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई। एक की मौत हो गई जबकि एक को इन्क्यूबेटर में रखकर गुरदीप की जान बचा ली गई। लेकिन इन्क्यूबेटर में रखते समय गुरदीप की आंखों पर आईपैड (रुई) नहीं रख पाए जिसके कारण उसकी आंखों की रोशनी चली गई। हालांकि अस्पताल ने यह गलती मान ली। इसके बाद परिवार ने गुरदीप को मुंबई, हैदराबाद के डॉक्टर ने साफ कर दिया कि अब बेटी की रोशनी लौटने की कोई गुंजाइश नहीं है। निराश परिवार लौट आया और अपनी पहली संतान की नियति के बीच उसकी जिंदगी में खुशी के रंग घोलने की कोशिश करने लगे। बेटी बड़ी होने लगी तो मां-बाप कभी गुदगुदाकर उसे खिलखिलाने की कोशिश करते रहते। लेकिन चार महीने बाद परिवार को अजीब सा शक हुआ। वह जब भी उसे पुकारते तो उसका हाव, भाव या रिएक्शन नहीं मिलता था। इसी बीच परिवार ने फिर से डॉक्टर्स को दिखाया तो बोले की इंक्यूबेटर पर रखने के दौरान सिर्फ आंख पर ही नहीं, कान पर भी रूई रखना भूल गए थे। इसी कारण से अब वह सुन और बोल नहीं पाएगी। वह जैसे बड़ी हुई तो सामान्य बच्चों की तरह उसकी पढ़ाई शुरू कराई। और परीक्षा में केयर टेकर बनने वाली छोटी बहन हरप्रीत ही गुरदीप का सबसे बड़ा सहारा है। वह हर पल अपनी बहन के साथ रहती है। बहन सुविधा हो इसलिए हरदीप ने भी गुरदीप की स्पेशल साइन लैंगवेज सीख ली है। गुरदीप को पढ़ाना हो, कुछ कहना हो, खाना खाना हो, बाथरूम-टॉयलेट जाना हो तो वह इस लैंग्वेज में बहन की हथेली और अंगुलियां दबाकर अपनी बात कहती है।