सरकारी अस्पताल के हाल बुरे बेहाल, मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज || STVN INDIA || SAGAR TV 24X7 ||
सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लाखों करोड़ों रूपये खर्च करती है। लेकिन आज भी व्यवस्थाएं बेपटरी सी नज़र आती हैं। दमोह जिले के पथरिया में स्थित सामुदायिक अस्पताल के भी हाल बेहाल हैं। जहाँ सुविधाओं से लेकर डॉक्टरों का भी अभाव है। जिससे मरीज परेशान होते हैं। दरअसल मध्यप्रदेश शासन द्वारा करीब 20 साल पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पथरिया का उन्नयन कर 30 बिस्तर में बदल दिया। लेकिन न बिल्डिंग स्वीकृति दी ना ज्यादा कुछ। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जनरल वार्ड में महज 5 पंलग है। पथरिया ब्लॉक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया और 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जेरठ, शाहपुर,सदगुवां, बासाकलां संचालित हैं। नियमानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 3 मेडिकल ऑफिसर और एक सीबीएमओं डॉक्टर की की पदस्थापना रहना चाहिए। जिसमें भी सिर्फ एक डाक्टर ई मिंज ही सेवाएं स्वास्थ्य केंद्र में दी जा रही है। और एक भी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर नही है। इतने बड़े सामुदायिक अस्पताल में हर दिन 5 से 8 डिलेवरियां होती हैं। लेकिन महिला डॉक्टर के अभाव में स्टाफ नर्स के भरोसे डिलीवरी होती है। गंभीर स्थिति में तो प्रसूताओं को दमोह रैफर किया जाता है। मुख्य बात तो यह भी है कि सामुदायिक अस्पताल में दवा वितरण केंद्र में फार्मासिस्ट ही नहीं है। तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर सोनकिया के फार्मासिस्ट से पथरिया के सरकारी अस्पताल में काम कराया जाता है। इस अस्पताल में कम से कम 3 डॉक्टरों की मौजूदगी रहना चाहिए। सामुदायिक अस्पताल में 30 पलंगों की स्वीकृति है जिनमें से 15 पलंग डिलीवरी वार्ड में लगे हैं। 10 एनआरसी वार्ड में है। महज 5 पलंग जनरल वार्ड में हैं। जबकि जनरल वार्ड में हर दिन दर्जनों की संख्या में मरीज पहुंचते हैं। जब तक व्यवस्था नहीं होती तब तक लोगों को परेशां होना पड़ेगा