सागर-संगोष्ठी में यंग अचीवर्स अवार्ड से तीन डॉक्टरों को किया गया सम्मानित
बीएमसी में आयोजित की गई संगोष्ठि मूत्र असंयम के बारे में बताया
सागर-संगोष्ठी में यंग अचीवर्स अवार्ड से तीन डॉक्टरों को किया गया सम्मानित
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में टीबी एवं चेस्ट विभाग, नर्सिंग होम एसोसिएशन और फोग्सी के तत्तावधान में संगोष्ठि आयोजित की गई। संगोष्ठि को जबलपुर मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ फ़ानिन्द्र सिंह सोलंकी और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मोनिका जैन ने सम्बोधित किया।
संगोस्ठी में डॉ सोलंकी ने मूत्र असंयम के बारे में बताया कि ये एक अस्थायी स्थिति हो सकती है जो एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति से उत्पन्न होती है। यह मूत्र के मामूली निकलने की बेचैनी से लेकर गंभीर, बार-बार गीला होने तक हो सकता है। साथ ही कहा कि गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद, या रजोनिवृत्ति के हार्मोनल परिवर्तन के बाद महिलाओं में मूत्र असंयम विकसित होने की संभावना सबसे अधिक होती है। डॉ मोनिका ने प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में आयरन की उपलब्धता बनाये रखने के संबंध में जानकारी साझा की। कार्यक्रम के चेयरपेर्सन डॉ जयश्री चौकसे और डॉ एस एस खन्ना रहे. संगोष्ठी में यंग अचीवर अवार्ड से तीन प्रतिभाशाली यंग डॉक्टर्स, डॉ दीपाली जैन, डॉ हिमांशी राय और डॉ जाह्नवी मुखारिया को भी सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में डॉ तल्हा साद, डॉ जागृति किरण, डॉ एसके सिंह, डॉ डीके पिप्पल, डॉ सर्वेश जैन, डॉ मनीष जैन, डॉ सत्येंद्र मिश्रा आदि मौजूद थे।