तोते की वापसी से इस परिवार के चेहरे की मुस्कान लौटी
इनामी आजाद परिंदे की खबर वापसी के साथ पक्षी प्रेमी खरे परिवार की खुशियां भी वापस लौटी इधर बेटू तोते को वापस लाकर देने वाले ने भी इंसानियत दिखाते हुए इनाम से किया इनकार उदयपुर से तोते की तलाश में आई मेडिकल छात्रा के साथ भाई जैसा दुलार करता हुआ नजर आया तोता क्या कोई परिंदों से अपने बच्चों जैसा दुलार भी कर सकता है और परिंदे भी उस परिवार के सदस्यों से अपने मां बाप जैसा दुलार कर सकते हैं क्या कोई परिंदा परिवार के सदस्य जैसा बिना पिंजरे के इंसानों के बीच रह सकता है परिवार के सदस्यों की तरह उसके खाने-पीने सोने का इंतजाम किया जा सकता है यह सब ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब आपको एक मात्र वीडियो को देखकर मिल जाएगा.. दमोह के जबलपुर नाका शक्ति नगर क्षेत्र निवासी दिलीप खरे के परिवार में सदस्य जैसा रहने वाला बेटू तोता 23 मार्च को अचानक गायब हो गया था जिसके बाद उसकी तलाश में पूरी परिवार का खाना पीना छूट जाने के साथ पागलों जैसा हाल हो गया यहां तक कि उदयपुर में मेडिकल की पढ़ाई कर रही बिटिया भी दमोह वापस आकर तोते की तलाश में जुट गई 26 मार्च को तोते की गुमशुदगी के अनाउंसमेंट से लेकर पता बताने परिणाम की घोषणा तथा पंपलेट चिपकाने की कार्य में खरे परिवार के सभी सदस्य लग गए... वही सोशल मीडिया तथा मीडिया के जरिए भी इस इनामी तोते की चर्चाऐ चारों तरफ फैलते देर न लगी इसी के साथ अलग-अलग क्षेत्रों से लोग तोते लेकर इनाम की लालच में भी खरे परिवार के पास पहुंचने लगे वही अंततः आमचोपरा निवासी एक सज्जन जब आज बेटू तोते को लेकर खड़े परिवार के घर पहुंचे तो तोते ने परिवार के सदस्यों तथा खरे परिवार ने तोते को पहचानने में देर नहीं कि तोते की वापसी के साथ घर परिवार में खुशियों की बहार भी आ गई.। वही उदयपुर से तोते की तलाश में दमोह पहुंची बिटिया के साथ सब कुछ भूल कर मिलता-जुलता नजर आया तोता शायद यही कहने की कोशिश कर रहा था भले ही हम परिंदे हैं लेकिन अपने चाहने वालों को हम अच्छे से जानते पहचानते हैं यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिस सज्जन को यह तोता 3 दिन पहले मिला था वह उनके यहां पिंजरे में कैद हो जाने के साथ कुछ भी खा पी नहीं रहा था जिससे वह लोग भी तोता की हालत को लेकर जमकर परेशान थे इधर सोशल मीडिया पर जब उन्होंने तोते की गुमशुदगी की खबरें देखी तो तोते को वापस करने में उन्होंने जरा भी देर नहीं की यहां तक कि इंसानियत दिखाते हुए उन्होंने तोते की वापसी पर घोषित इनाम भी लेने से इनकार कर दिया इधर खरे परिबार जो बिटिया तोते को अपना भाई मानती थी वह भी अब तोते को वापस मिल जाने पर अपनी पढ़ाई करने के लिए उदयपुर जाने को तैयार हो गई है.... खरे परिवार द्वारा उस सज्जन का आभार और बहुत-बहुत धन्यवाद कहा...