सागर-अनोखा तप... 9 दिन बगैर हिले बगैर खाए-पिए रह रहा यह भक्त ! शरीर पर बोए जवारे
सागर में माँ शक्ति की ऐसी तपस्या भक्त को देख हर कोई हैरान हैं...!
सागर-अनोखा तप... 9 दिन बगैर हिले बगैर खाए-पिए रह रहा यह भक्त ! शरीर पर बोए जवारे
सागर में 32 साल का एक शख्स शक्ति की ऐसी तपस्या कर रहा है, जिसे देखकर सभी हैरान हैं और कह रहे हैं यह सबके बस की बात नहीं. इसने अपने शरीर के कुछ हिस्सों पर जवारे बोए हुए हैं. 9 दिन तक चलने वाली इस कठिन साधना में एक ही जगह पर बैठकर बिना कुछ खाए पिए रहने का संकल्प लिया है. यह शख्स दिन में केवल दो बार 2 चम्मच जल और 2 चम्मच दही ही प्रसाद के रूप में ग्रहण कर रहा है. दरअसल रहली ब्लॉक में आने वाले चांदपुर में कमलेश कुर्मी चैत्र नवरात्रि में एक आसन में बैठे हुए हैं. इस कठिन साधना के लिए उन्होंने 15 दिन पहले से तैयारी शुरू कर दी थी. इसके लिए उन्होंने थोड़ा थोड़ा खाना कम कर दिया था. चैत्र नवरात्रि से 5 दिन पहले से अन्न जल पूरी तरह से छोड़ दिया था. वह 2 चम्मच जल और 2 चम्मच दही ले रहे थे. अमावस्या के दिन निर्जल रहे और चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा को वह गुरु भाई के घर विराजी मां दुर्गा की प्रतिमा के पास में लकड़ी की कुर्सी पर आसन लगाकर बैठ गए. कमलेश की उपासना को देखने के लिए गांव के लोग पहुंचते हैं तो 9 दिन तक यहां पर महिलाओं और पुरुषों की भजनों और भगतो का आयोजन किया जा रहा है. कमलेश वैसे तो देवरी ब्लॉक के सुना गांव से हैं लेकिन चांदपुर में उनके गुरु भाई धर्मेंद्र विश्वकर्मा के घर पर माता की आराधना कर रहे हैं. कमलेश ने लगातार दूसरे साल अपने शरीर पर जवारे बोए हैं. इसके पहले पिछले साल उन्होंने लेटकर अपने पूरे शरीर पर जवारे बोकर माता की आराधना की थी 9 दिन तक वह जमीन पर एक ही जगह पर लेटे रहे थे