मां वंदना बोली-बदन गर्म है,बेटा जिंदा है,गोबर टैंक में डूबने से 4 साल के मासूम की मौत
सतना में बिरला डेयरी प्लांट के गोबर टैंक में डूबने से 4 साल के मासूम बच्चे ने दम तोड दिया। इस घटना से प्रबंधन के प्रति लोगों में गुस्सा है। यहां तनाव के हालात बन गए हैं। जानकारी मिलते ही एसडीएम और सीएसपी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। कंपनी प्रबंधन के प्रतिनिधियों से बातचीत और मुआवजे के आश्वासन के बाद डेड बाडी को पीएम के लिए भेजा गया। जानकारी मुताबिक बुधवार को मासूम देवांष गर्ग के पिता संदीप गर्ग ड्यूटी पर थे। शाम को उनकी पत्नी वंदना ने बताया कि देवांश कहीं दिख नहीं रहा है। वे अपने क्वार्टर पहुंचे और बेटे की तलाश शुरू की। गेट पर सिक्योरिटी गार्ड से भी पूछा, लेकिन वह भी कुछ नहीं बता सका। इस बीच उनकी नजर स्टाफ क्वार्टर के आगे बने गोबर टैंकों की तरफ गई तो वहां चप्पलें पड़ी दिखीं। संदेह हुआ तो पास पड़े लोहे के सरिया को टैंक में डालकर घुमाया, जब सरिए को बाहर निकाला, तो देवांश भी उसमें फंसकर बाहर आ गया। उसकी सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया। इस हादसे से देवांश की मां वंदना का रो-रोकर बुरा हाल है। इस बीच भाजपा नेता सुभाष शर्मा, समाजसेवी धर्मेश चतुर्वेदी, वेद प्रकाश पांडेय और सोहावल जनपद के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह बराज समेत तमाम लोग वहां पहुंच गए। भीड़ बढ़ती गई तो गमगीन माहौल में तनाव भी बढ़ने लगा। नाराज लोग इस घटना के लिए फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराने लगे। उन्होंने प्रबंधन के प्रतिनिधियों से मुआवजे और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग शुरू कर दी। वही, एसडीएम नीरज खरे, सीएसपी महेंद्र सिंह और टीआई कोलगवां सुदीप सोनी भी मौके पर पहुंच गए। प्रशासनिक और पुलिस अफसरों ने फैक्ट्री प्रबंधन से बातचीत की। घंटों चली चर्चा के बाद इस बात पर सहमति बनी कि प्रबंधन अंत्येष्टि के लिए 30 हजार रुपए और 3 लाख रुपए मुआवजा देगा। मृतक के ढाई साल के भाई प्रयाग की 12 वीं तक की पढ़ाई का खर्च उठाएगा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगा। इसके बाद ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा सका।