बागेश्वर बाबा याचिका पर बोले रामकथा को ऐसे कहने वालों की ठठरी बंध जाए || SAGAR TV NEWS ||
जंगल में रामकथा का वाचन करने से संस्कार खराब नहीं होते बल्कि संस्कार निर्मित होते है। यह बात बागेश्वर धाम के पीठाष्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कही, वे बालाघाट जिले के भादूकोटा में आयोजित की जा रही वनवासी रामकथा के दौरान बोल रहे थे। दरअसल, उन्होंने यह बात इसीलिए की थी क्योंकि, कुछ लोगों ने ये कहकर हाईकोर्ट में याचिका दायर थी, कि जंगल में रामकथा का वाचन करने से वनवासियों के संस्कार खराब हो जाएंगे और इस पर रोक लगाई जाना चाहिए। लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
उन्होने कहा कि जब भारत में अंग्रेज संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर कब्जा जमा रहे थे। तब जंगल में रहने वाले वीर भगवान बिरसा मुंडा ने ही आजादी की लड़ाई का बिगुल बजाकर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। साथ ही कहा कि वनवासियों के पूर्वजों ने जिस तरह से भगवान राम का साथ दिया था। उसी तरह अब वनवासी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए अपना साथ दे।