सिंधिया और के पी यादव की तल्खी के बीच इमरती देवी की एंट्री
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पर कटाक्ष के मामले में गुना के बीजेपी सांसद के पी यादव को नसीहत देते हुए पूर्व मंत्री और ग्वालियर की निगम अध्यक्ष इमरती देवी ने कहा है कि के पी यादव को यह नहीं भूलना चाहिए कि
वह भी केंद्रीय मंत्री सिंधिया के साथ कभी कांग्रेस में थे। चुनाव के दौरान ही उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। एक समय केपी यादव केंद्रीय मंत्री सिंधिया को ही अपना नेता मानते थे लेकिन बदले हालातों में यादव चुनाव में जीत गए। इसका मतलब यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि जनता ने सिंधिया को नकार दिया है। लोकतंत्र में आम जनता ही सर्वोपरि होती है वह कब किस
करवट बैठेगी, इसका अंदाजा किसी को नहीं है। उन्होंने सांसद के पी यादव को सलाह देते हुए कहा है कि उन्हें कुछ भी बोलने से पहले पहले अपने अंदर झांक लेना चाहिए और अपने नेता के खिलाफ तो कभी भी नहीं बोलना चाहिए। वहीं ग्वालियर के प्रभारी मंत्री और सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट ने इस मामले में कुछ भी सीधे तौर पर बोलने से इनकार किया। उनका कहना है
कि बीजेपी में संगठन ही सर्वोपरि है। पार्टी एक विचारधारा को लेकर चलती है उन्होंने इस बात से इनकार किया कि सांसद के पी यादव और केंद्रीय मंत्री सिंधिया के बीच अंदरूनी तौर पर कोई मनमुटाव है। गौरतलब है कि गुना सांसद के पी यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया को चुनाव में हरा दिया था। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा जनता से माफी मांगे जाने को लेकर कटाक्ष किया था।