स्कूल के पोस्टर में हिन्दू छात्राओं को हिजाब में दिखाया: गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश
स्कूल के पोस्टर में हिन्दू छात्राओं को हिजाब में दिखाया: गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश
हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने शिक्षा अधिकारी की जांच को गलत ठहराते हुए जांच अधिकारियों पर भी आरोप लगाए हैं।
स्कूल की मान्यता रद करने की भी मांग की है और जिला शिक्षा अधिकारी पर भी कार्रवाई के लिए कहा है। ज्ञापन देने पहुंचे लोगों में शामिल मोंटी रैकवार ने कहा कि हिंदू धर्म की बेटियों को जानबूझकर हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है। ऐसे लोगों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।
मध्य0आदेश के दमोह शहर में संचालित गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन पर छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप लगा है। दरअसल छात्रों के परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर लगाया गया था
जिसमें छात्राएं हिजाब पहने हुए थी और उसके बाद इस मामले ने सांप्रदायिक रूप ले लिया है, जिसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार को हिंदूवादी संगठनों ने ज्ञापन सौंपकर करवाई की मांग की है।
इस पोस्टर में स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के जो फोटो लगे हुए हैं, जिसमें हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा अपने सिर पर लपेटा हुआ है। पूरा विवाद इसी इस कपड़े को लेकर शुरू हुआ है स्कूल पर मतांंतरण के आरोप लग चुके हैं। इस मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने भी ट्वीट कर जांच के निर्देश दिए है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज भोपाल में मीडिया से कहा कि दमोह में गंगा जमुना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाने के मामले की जांच जिला शिक्षा अधिकारी से कराई गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं।
खबर फैली तो राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने एक ट्वीट किया और उसके बाद दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने इस मामले की जांच भी करा ली। जांच में मतांतरण की बात अफवाह निकली, लेकिन मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए।
जांच टीम में शामिल दमोह कोतवाली टीआइ विजय सिंह राजपूत का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने बताया, इस स्कार्फ को हिजाब समझा जा रहा है। स्कूल के संचालक मुस्ताक खान ने बताया कि स्कूल में यूनिफॉर्म में स्कार्फ शामिल है,
लेकिन इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है।कलेक्टर अग्रवाल का कहना है कि जांच मेरे द्वारा कराई जा चुकी है, लेकिन अब गृह मंत्री के आदेश हुए हैं इसलिए फिर से एक जांच टीम बनाई जा रही है,
जिसमें तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस अधिकारी शामिल होंगे और उन सभी के द्वारा जो जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी उसे गृहमंत्री तक भेज दिया जाएगा।