अजीबोगरीब मामला-हम जिंदा हैं, भ्रष्ट अफसरों ने मृत बताया जानिए सच्चाई
सरकारी सिस्टम में किस कदर भ्रष्टाचार फैला है और अधिकारी किस तरह घोटाले कर रहे है, यह इस चौकाने वाले मामले को जानकर समझा जा सकता है, एमपी के षिवपुरी जनपद पंचायत में 2 सीईओ, 2 बाबू और ऑपरेटर ने अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि हड़पने के लिए 26 जिंदा लोगों को कागजों में डेथ दर्ज कर दिया और 93 लाख 56 हजार रूपए का गबन कर लिया।,
किसी अधिकारी ने किसी हितग्राही पत्नी को जीते जी उपर पहुंचा दिया तो किसी के जवान बेटे को डेथ बताकर पैसे हजम कर लिए।,
यह सारे कारनामे संबल योजना के तहत किए गए, जब इस मामले का भंडाफोड हुआ तो आला अधिकारी भी सकते में आ गए,
बताया जा रहा है कि जनपद सीईओ राजीव मिश्रा और गगन बाजपेयी के कार्यकाल में यह गबन किया गया, दोनों के डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल कर राशि निकाली गई।, दो महिला बाबू साधना चौहान, लता दुबे,
कम्प्यूटर ऑपरेटर शैलेंद्र पाराशर सहित दोनों सीईओ राजीव मिश्रा और गगन बाजपेयी आरोपी बनाए हैं।, जिन पर मामला दर्ज किया गया. ऐसे ही एक मामले का भंडाफोड करते हुए दर्रोनी निवासी हितग्राही सतेंद्र ओझा ने बताया कि कलेक्टर गांव आए थे। मुझे बुलाया और बताया कि तुम्हारी जान तो 2019 में जा चुकी है।,
मैंने कहा कि मैं तो आपके सामने जिंदा खड़ा हूं। और उसके माता-पिता भी जिंदा हैं. यह सुनकर कलेक्टर भी चौक गए.
वही, इस मामले में शिवपुरी कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी का कहना है कि जिला पंचायत सीईओ की जांच रिपोर्ट में 93.56 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा निकला है।, आरोपियों के खिलाफ
एफआईआर दर्ज करा दी है।, वही, इस मामले में एसडीओ अजय भार्गव ने बताया कि अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन विवेचना के बाद धाराएं और बढ़ाई जा सकती हैं।.