सागर-400 किलोमीटर दूर से आए मजदूरों ने कलेक्ट्रेट के बाहर क्यों डाला डेरा देखिए
कलेक्ट्रेट के बाहर मजदूरों का डेरा रोते बिलखते बच्चों के साथ डटे
सागर-400 किलोमीटर दूर से आए मजदूरों ने कलेक्ट्रेट के बाहर क्यों डाला डेरा देखिए
सागर कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर कटनी से आए मजदूरों ने डेरा डाल लिया है पिछले दो दिनों से वह यहीं पर डटे हुए हैं रोते बिलखते बच्चों के साथ गेट के बाहर ही जमे हुए हैं जब तक मजदूरी के पैसे नहीं मिलेंगे तब तक भी यहां से नहीं हटेंगे इन मजदूरों ने बीना में करीब 35 दिनों तक कटाई का काम किया, और जब पैसे देने की बारी आई तो धमकी देकर भगा दिया
दरअसल कटनी जिले के आदिवासी बहुल ढीमरखेड़ा ब्लाक से फसल कटाई करने के लिए आए करीब तीन दर्जन मजदूरों ने खेत मालिक पर पूरा मेहनताना न दिए जाने की शिकायत की। महिला, बच्चों सहित कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे मजदूरों ने अधिकारियों को अपनी बात बीती सुनाई, भीषण गर्मी में हिंगटी गांव से पहुंचे इन मजदूरों को रुकने की व्यवस्था नगर निगम के आश्रय स्थल पर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों द्वारा की गई थीं लेकिन अब वह कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट के बाहर ही डट गए हैं,
मजूदरों का कहना है कि वे हर साल चेत पर फसल काटने के लिए सागर आते हैं। इस साल बीना के पास स्थित हींगटी निवासी ललित राय उनके गांव पहुंचे थे। जहां श्रमिकों से खेत काटने की बात तय हुई। मजूदरों ने बताया कि हींगटी गांव आने के पहले ही यह तय हो गया था कि सभी श्रमिकों को मजदूरी करपा के अनुसार नहीं दिन मजदूरी की हिसाब से तय होगी।
प्रत्येक दिन के चार सौ रुपये मजदूरी तय हुई। फरवरी के मध्य हम हींगटी पहुंच गए जहां फसल कटाई का काम किया लेकिन खेत मालिक ने हमें केवल 25 हजार रुपये ही दिए। श्रमिक अखिलेश कुमार लोने, मिंटू, माखन, उत्तम आदि ने कहा कि वे छोटे-छोटे बच्चों के साथ यहां मेहनत मजदूरी करने आए लेकिन उन्हें परेशान किया जा रहा है। अधिकारी इस संबंध में जानकारी जुटा रहे हैं। वहीं खेत मालिक ललित राय का कहना है कि मजदूरों से फसल कटाई के बहले में करपा देने की बात हुई थी। यह करपा मजदूरों को दिए भी गए।