सागर-करीला धाम में नर्तकियों ने राई और बधाई से समां बांधा, देखने भक्तों की उमड़ी भीड़
सागर के करीला में मन्नतों का मेला नर्तकियों ने राई-बधाई से समां बांधा
सागर-करीला धाम में नर्तकियों ने राई और बधाई से समां बांधा, देखने भक्तों की उमड़ी भीड़
होली पर पांच दिवसीय रंगोत्सव का समापन हो गया। मंदिरों से लगाकर सड़कों तक दिनभर अबीर गुलाल उड़ता रहा। जगह जगह हुरियारों की टोलियों ने रंगोत्सव का नाच-गाकर आनंद लिया,
शहर के राजीवनगर वार्ड में बीएस जैन बगीचा के सामने स्थित श्रीराम जानकी पटैल मंदिर करीला धाम में नर्तकियों ने बधाई एवं राई नृत्य किया। यहां मेले में बड़ी संख्या में भक्त उमड़ पड़े। भजनों की धुन पर नर्तकियों के नृत्य के साथ भक्त भी नृत्य करने लगे, जो भी श्रध्दालु अपनी बधाव और नृत्य करवाना चाहते हैं वे नर्तकियों को निछावर देकर अपनी मन्नतें पूरी होने पर हर्ष जाहिर करते हैं, इसके पहले रंगपंचमी पर भगवान श्रीराम दरबार, माता जानकी, लव-कुश और महर्शि वाल्मीकि का सुबह विशेष पूजन अर्चन किया गया था,
मान्यता है कि भगवान लव-कुश का जन्म वन में होने से कोई पच-बधाव लेकर नहीं पहुंच सका तो स्वयं इंद्र अप्सराओं के साथ वहां पहुंचे थे और लव-कुश के जन्मोत्सव पर अप्सराओं ने नृत्य किया था। उसी पौराणिक परंपरा के प्रतीक स्वरुप यहां बधाई नृत्य होता है