Sagar-बिना हेलमेट टीम सहित सड़कों पर स्कूटी दौड़ा रहे निगमायुक्त, क्या ट्रैफिक विभाग काटेगा इनके चालान ?
आम आदमी अगर बिना हेलमेट के घर से जरूरी काम से निकल जाए तो पुलिस उसके साथ अपराधी की तरह व्यवहार करती है। इसके अलावा भारी भरकम चालान भी काटे जाते हैं। लेकिन जब कानून को जेब में रखकर चलने वाले अफसर बिना हेलमेट वाह—वाही बटोरने निकलते हैं तो कानून के रखवाले मुंह फेर लेते हैं। सागर नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री की बाइक रैली को देखकर इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
कमिश्नर साहब मातहत अधिकारी—कर्मचारियों के साथ एक दर्जन से ज्यादा बाइकों के साथ सड़कों पर फर्राटे भरते दिखाई दिए। दरअसल कलेक्टर दीपक आर्य के निर्देश पर स्वीप प्लान के अंतर्गत मतदाता जागरूकता बाईक रैली निकाली गई थी। इसमें कमिश्नर खत्री निगम कार्यालय से नीली स्कूटी क्रमांक एमपी 15 जेडई 3369 से निकले। उनके पीछे बुलेट, स्कूटी, होंडा आदि कंपनियों की गाड़ियों पर कर्मचारी चल रहे थे।
निगम कार्यालय से रैली शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई गोपालगंज, एमएलबी स्कूल, दादा दरबार मंदिर से पीली कोठी चौराहा पहुंची। यहां से फिर रैली वापस निगम कार्यालय पहुंची। रैली में निगम आयुक्त के पीछे नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे थे, जिन पर मतदाता जागरूकता संबंधी नारे लिखे हुए थे। सभी कर्मचारी नारे लगातेे हुए चल रहे थे। निगम आयुक्त जागरूकता फैलाते समय यह भूल गए कि वे मतदान को बढ़ावा देते समय यातायात नियमों का उल्लघंन कर रहे हैं। वैसे तो हेलमेट चेकिंग सालभर चलती है।
लेकिन हाल ही में पुलिस मुख्यालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर स्पेशल चेकिंग अभियान चला रखा है। ऐसे समय में निगम आयुक्त का सड़कों पर सरेआम दो पहिया वाहन पर बिना हेलमेट घूमना सवालों से घिरता दिखाई दे रहा है। दूसरी बात यातायात पुलिस आखिर कहां गई थी? जो उसे संभागीय मुख्यालय की सड़कों पर बिना हेलमेट दर्जनों गाड़ियां दिखाई नहीं दीं। एक साथ इतनी बाइकों से क्या ट्रेफिक प्रभावित नहीं हुआ होगा।
सिटी पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालों से घिरती दिख रही है कि उसे बाइक रैली की जानकारी क्यों नहीं लगी। और जानकारी थी तो अधिकारियों को समझाया या रोकना जरूरी क्यों नहीं समझा। शहर में स्मार्ट सिटी भी सीसीटीवी कैमरों से बिना हेलमेट बाइक चालकों से चालान वसूलती है। निगम आयुक्त उस स्मार्ट सिटी के भी प्रभारी हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या सारे कानून केवल आम आदमी के लिए हैं। नगर निगम ने खुद ही बाइक रैली के फोटो, वीडियो और जानकारी शेयर की है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि धर्मसंकट में फंसा यातायात विभाग निगम आयुक्त का टीम सहित चालान काटेगा या मामला रफादफा हो जाएगा। ब्यूरो रिपोर्ट सागर टीवी न्यूज