सागर में महिला लोको पायलट की बि-गड़ी तबी-यत और फिर पहुंच गई अस्पताल
सागर में महिला लोको पायलट की बि-गड़ी तबी-यत और फिर पहुंच गई अस्पताल
सागर में रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की महिला लोको पायलट की बिगड़ी तबीयत
गर्मियों की अभी पूरी तरीके से शुरुआत भी नहीं हो पाई है कि ट्रेनों के लोको पायलट की तबीयत बिगड़ना भी शुरू हो गई है। ऐसे ही झांसी रेलवे स्टेशन से सागर तरफ मालगाड़ी लेकर जा रही एक महिला लोको पायलट की चलती ट्रेन में गर्मी के कारण तबीयत खराब हो गई।
आनन-फानन में खुरई रेलवे स्टेशन को सूचना दी गई। तत्काल 108 एंबुलेंस रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई। ट्रेन को खुरई रेलवे स्टेशन पर रोका गया और लोको पायलट को एंबुलेंस के माध्यम से सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चलती ट्रेन में बिगड़ी महिला लोको पायलट की तबीयत-भीषण गर्मी से बचने के लिए जहां लोग कई जतन कर रहे हैं तो वहीं इस गर्मी में रेलवे के चालक-परिचालकों की हालत खराब है। जहां गर्मी में इंजन का तापमान बाहरी तापमान से 10 डिग्री तक ज्यादा हो जाता है। मौजूदा स्थिति में देखा जाए तो बाहर का तापमान 37 डिग्री है तो मानकर चलिए कि इंजन की केबिन का तापमान 47 डिग्री हो सकता है।
जानकारी के अनुसार झांसी रेलवे स्टेशन से मालगाड़ी लेकर सागर तरफ जा रही महिला लोको पायलट खुशबू पिता गयाप्रसाद डोगा (28) निवासी झांसी की बीना मालखेड़ी रेलवे स्टेशन निकलने के बाद अचानक से तबीयत खराब होना शुरू हो गई।
लोको पायलट ने सोचा कि तबीयत ठीक हो जाएगी। लेकिन बघोरा रेलवे स्टेशन आते-आते लोको पायलट को उल्टी और चक्कर आना शुरू हो गए। इसकी जानकारी खुरई रेलवे स्टेशन को दी गई। स्टेशन मास्टर ने तत्काल 108 एंबुलेंस को सूचना दी। सूचना मिलते ही 108 एंबुलेंस के पायलट मनोज राय और डॉ बबलू वासुदेव मौके पर पहुंचे।
मालगाड़ी को खुरई रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 पर रोका गया और महिला लोको पायलट को एंबुलेंस के माध्यम से सिविल में भर्ती कराया गया। जहां पर महिला लोको पायलट का इलाज किया जा रहा है।
पानी और ओआरएस साथ लेकर चलें-शासकीय चिकित्सक डॉ वीकेश फुसकेले ने बताया कि गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। मौसम बदलने से उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या में बढ़ गई है। ट्रेन के ड्रायवरों को ड्यूटी के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। साथ ही नमक शक्कर का घोल या ओआरएस भी बार-बार लेना चाहिए।
पानी और नमक की कमी के कारण चक्कर आते हैं। बीच-बीच में ओआरएस का घोल लेने से नमक और पानी की कमी नहीं होगी। इसके साथ ही भीषण गर्मी में ज्यादा समय तक अधिक तापमान में काम करने से स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।