सागर-माता-पिता पर स्कूल प्रबंधन तय दुकान से पुस्तक, यूनिफार्म खरीदने का नहीं बना सकते दबाव-कलेक्टर
सागर में निजी स्कूल का दबाव नहीं चलेगा सागर कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर सकते निर्देश जारी किये है। दरहसल 1 अप्रैल से स्कूल खुलने के बाद से बाजार की कुछ चिंहित स्टेशनरियों पर पुस्तक, यूनिफार्म समेत अन्य स्कूली सामग्री खरीदने के लिए अभिभवाकों की भीड़ उमड़ रही है। कुछ स्कूलों ने उक्त स्टेशनरी तय की हुई हैं।
निजी स्कूलों द्वारा पाठ्य पुस्तकों, यूनिफार्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री के क्रय के लिए पालकों पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है। जिसे देखते हुए बुधवार को सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने आदेश जारी किया है। आदेश में कहा है कि विभिन्न माध्यमों से शासन के संज्ञान में आया है कि कतिपय स्कूल प्रबंधन और प्राचार्य द्वारा एनसीईआरटी, एससीईआरटी सें सबंधित पुस्तकों के साथ अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य की पुस्तकें और अन्य सामग्री क्रय करने के लिए पालकों पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है।
साथ ही विषयवार एनसीईआरटी, सीबीएसई, एससीईआरटी मुद्रित व निर्धारित पाठ्यक्रम की पाठ्य पुस्तकों के स्थान पर अन्य प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकों को चयन कर अभिभावक को दुकान विशेष, निर्धारित स्थान से पाठ्य पुस्तकों व अन्य शैक्षिक सामग्री, यूनिफार्म खरीदने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से बाध्य किया जा रहा हैं।
इस संबंध में कृपया मप्र निजी विद्यालय (फीस व अन्य सबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम, 2017 की धारा 6 व 9 और मप्र निजी विद्यालय (फीस व अन्य सबंधित विषयों का विनिमय) नियम 2020 के नियम 6 और 9 को संज्ञान में लिया जाए। मप्र निजी विद्यालय (फीस व अन्य सबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 6(1) (घ) में स्पष्ट उल्लेख है
कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र या अभिभावक को पुस्तकें, यूनिफार्म, टाई, जूते, कापी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए औपचारिक अथवा अनोपचारिक किसी भी रूप में बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से क्रय करने के लिए स्वंतत्र होंगे।
सागर कलेक्टर ने जारी किया आदेश। इस नंबर पर शिकायत कर सकते हैं अभिभावक यदि कोई भी स्कूल प्रबंधन इस तरह की हरकत कर रहा है तो प्रभारी लिपिक किशोर कुमार खटीक के मोबाइल नंबर 9754538961 पर वाट्सएेप या दूरभाष पर बात कर सूचना दे सकते हैं। शिकायतें मिलने पर नियम 2020 के नियम 9 में वर्णित प्रक्रिया का पालन करते हुए संबंधित विद्यालय के खिलाफ आवश्यक शास्ति अधिरोपित करने की कार्रवाई की जाएगी।