Sagar -ऑपरेशन के बाद फेफड़ों में कफ जमने से रोकना कितना जरूरी, ऐसे करें देखभाल
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में टीबी चेस्ट विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें ऑपरेशन के बाद फेफड़े संबंधित निमोनिया और अन्य समस्याओं की जानकारी और निराकरण की जानकारी दी गई। डॉ सत्येंद्र मिश्रा ने बताया कि ऑपरेशन के बाद कई मरीजों के फेफड़ों में टाइट स्पुटम (कफ) जमने की शिकायत होने लगती है।
कफ जमने से फेफड़े अपनी क्षमता के मुताबिक काम नहीं कर पाते, इससे मरीज की रिकवरी भी देरी से होती है। रिकवरी स्पीड बढ़ाने के लिए मरीज के फेफड़ों से कफ हटाना जरूरी होता है। ताकि वह अच्छे से काम कर सकें और मरीज सांस ले सके। फेफड़ों में जमे टाइट कफ को ढीला कर बाहर निकालने के लिए डॉक्टर अलग-अलग दवाइयां देते हैं। जिसमें समय लगता है। जबकि चेस्ट थेरेपी में बिना दवाइयों के कफ को ढीला करते हैं
और वह अपने आप मरीज के शरीर से बाहर निकलने लगता है। उन्होंने कुछ आसान फेफड़े संबंधित व्यायाम भी सिखाए और धूम्रपान के दुष्प्रभाव बताए। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अंजना नरेला को निक्षय मित्र कार्यक्रम के तहत गरीब टीबी के मरीज़ों को गोद लेने के प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही छठवां बीएमसी सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया। जिसमें विशिष्ट सेवाएं देने के लिए विभिन्न विभाग से स्टाफ को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में डॉ तल्हा साद, डीन डॉ रमेश पांडेय, सुप्रीटेंडेंट डॉ राजेश जैन, डॉ सत्येंद्र उईके, डॉ विशाल गजभाये, डॉ पूजा सिंह, डॉ मोहम्मद इलयास, डॉ अमर गंगवानी, डॉ शीला जैन, डॉ जागृति किरण सहित स्टाफ और स्टूडेंट मौजूद रहे।