सरपंच से लेकर मंत्री से फरियाद, फिर भी लकड़ी के टूटे पुल से निकलने की मजबूरी ?
देश में चारों ओर विकास का शोर सुनाई दे रहा है। लेकिन नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में लकड़ी के पटियों का जर्जर पुल विकास की तस्वीर को धुंधला करता दिख रहा है। पटेल वार्ड स्थित अहमना नाले से बच्चे समेत रहवासी जान जोखिम में डालकर आवागमन करने मजबूर हैं। ऐसे में तहसील मुख्यालय से ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने वाला यह छोटा सा जर्जर पुल बड़ी दुर्घटना को दस्तक देता नजर आ रहा है।
स्कूली बच्चे हो या अन्य ग्रामीण और वार्डवासी सभी इसी रास्ते से गुजरने को मजबूर हैं। यह रास्ता उनके लिए मुसीबत बना हुआ है। यह पुलिया वार्ड को ग्राम पंचायत छिदोंरी एवं नगर पालिका सीमा क्षेत्र से जोड़ती है। लेकिन न तो अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान दे रहे हैं। कोई आवश्यक कदम उठाने की कोई जहमत नहीं उठा रहा है।
दुर्गाबाई सिलावट समेत रहवासियों ने बताया कि इस पुल के लिए हम नेताओं और अधिकारियों से कई बार बात चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही हम लोग बहुत परेशान हैं। इस संबंध में सरपंच देवदत्त पचौरी का कहना है कि छिदोंरी हार में जो कच्चे पुल की समस्या बनी हुई है। उसके लिए मेरे द्वारा दो साल पहले जिला पंचायत में प्रस्ताव दिया था।
विधायक महेंद्र नागेश, जनपद अध्यक्ष और मंत्री के संज्ञान में मामला है। जल्द ही मदद मिलने की उम्मीद है। सरपंच जल्द ही पुल के संंबंध में सरकारी मदद मिलने की बात कह रहे हैं। अब देखना यह है कि लोगों को इस जर्जर पुल से कब निजात मिल पाती है।