Sagar-जहां आते हैं 20 हजार से ज्यादा यात्री वहां खुल गई शराब दुकान, महिलाओं और छात्राओं को होगी परेशानी
शराब की दुकान खोलने को लेकर वैसे तो बहुत से नियम बने हैं। लेकिन जब नियमों के पालन की बात आती है तो अधिकारी आंखें मूंद लेते हैं। ऐसा ही मामला सागर के बस स्टैंड पर सामने आया है। यहां निगम की दुकान में ही शराब की दुकान खोल दी गई है। जबकि सार्वजनिक स्थान होने से बस स्टैंड पर 20 से 25 हजार यात्री आते—जाते हैं। इनमें अधिकांश संख्या महिलाओं की होती है। पास ही में गर्ल्स कॉलेज, जैन हाई स्कूल और मंदिर भी बिल्कुल लगा हुआ है। परंतु इन सब पर ध्यान न देते हुए शराब दुकान का संचालन यहां शुरू हो गया है।
हद तो यह है कि जिस जमीन पर यह शराब दुकान खोली गई है, वह नगर निगम की है। नगर निगम की दुकानों का जब अनुबंध होता है तो उसमें इस शर्त का उल्लेख रहता है कि उत्तेजक सामग्री नहीं बेच सकते हैं। बावजूद इसके यहां दुकान खोल दी गई है। नगर निगम का किराएदार अपनी दुकान भी किसी अन्य किराएदार को नहीं दे सकता। ऐसे में बिना निगम की स्वीकृति के यह शराब दुकान खुलने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस संबंध में निगम आयुक्त राजकुमार खत्री का कहना है कि दुकान के संबंध में बाजार विभाग से जानकारी मांगी है।
इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शराब दुकान खुलने के स्थान में बस स्टैंड से कोई संबंध नहीं रहता। स्कूल, कॉलेज और धार्मिक स्थल से दूर खोलने का नियम है। मंदिर भी वे जो ट्रस्ट के हों। जहां तक निगम की दुकान में शराब दुकान खोलने का मामला है तो शराब दुकान तो शासन ही खोलता है। हम लोग दुकान के लिए किसी को जगह नहीं देते हैं। शहर में तिली चौराहे की शराब दुकान के विरोध की तैयारी चल रही थी इस बीच बस स्टैंड पर ही शराब दुकान खुल गई है। अब देखना यह है कि जिम्मेदार नियमों के पालन कैसे करवाते हैं?