Sagar -युवती से 5 साल तक किए झूठे वादे, 10 साल की कैद, 55 हजार का जुर्माना
बहन की सहेली से दोस्ती कर शादी का झांसा देकर पांच साल तक रेप करने वाले एमबीबीएस डॉक्टर को न्यायालय ने 12 साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर 55 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगा है। धोखेबाज डॉक्टर ने युवती को गुमराह कर चुपके से दूसरी लड़की से विवाह कर लिया था। डॉक्टर इतना शातिर दिमाग था कि उसने स्टांप पेपर पर नोटरी कर पीड़िता से विवाह रचाने का वादा किया था। सजा सुनाते ही दोषी डॉक्टर को जेल भेज दिया गया है।
अभियोजन के मुताबिक युवती की हंसती—खेलती जिंदगी पर ग्रहण उस समय लगा जब वह सागर के गर्ल्स ड्रिगी कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। उसकी एक सहेली थी। जिसके यहां उसका आना-जाना रहता था। सहेली का भाई भाई संदीप सिंह ठाकुर एमबीबीएस थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहा था। 2016 में वह युवती की खूबसूरती पर फिदा हो गया। पहले उसने फेसबुक पर दोस्ती की, विश्वास होने पर युवती ने अपना मोबाइल नंबर उसे दे दिया। इसके बाद दोनों में बातचीत होने लगी।
डॉक्टर कभी पार्क में मिलने बुलाता कभी मकरोनिया क्षेत्र में घुमाने ले जाता। इसके बाद उसने उसे शादी का झांसा देना शुरू किया। बार-बार कहने पर युवती उसकी बातों में फंस गई। इसके बाद डॉक्टर उसे मकरोनिया में अपने दोस्त के मकान पर ले जाकर शारिरिक संबंध बनाता। युवती गोपालगंज में किराए का कमरा लेकर रहती थी तो डॉक्टर वहां भी आकर शारिरिक संबंध बनाता। इंदौर ले जाकर भी उसका शोषण करता रहा। बार—बार झांसा देने से तंग आकर युवती ने डॉक्टर के घरवालों के सामने पूरी बात रखी।
विवाद बढ़ता देख सभी ने शादी की सहमति दी और डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी होने तक इंतजार का भरोसा दे दिया। इसके बाद उसने फिर शोषण शुरू कर दिया। बाद में मां का हवाला देकर शादी करने से इंकार दिया। युवती ने परेशान होकर अपने हाथ की नस काट लीं। मामला महिला थाने पहुंचा लेकिन आरोपी ने समझाकर राजीनामा करा लिया। इसके बाद डॉक्टर ने नया पैंतरा चलकर 100 रुपए के स्टांप पर शादी करने की बात कह दी। इसके अलावा भी तरह—तरह से उसे भरोसा दिया कि वह वह उससे ही शादी करेगा।
इसके बाद फिर शारीरिक संबंध बनाने लगा। 2021 में वह पूरी तरह बदल गया और बोला तुमसे शादी नहीं करूंगा जो करना है कर लो। युवती को झटका तब लगा जब उसे पता चला कि डॉक्टर ने आर्य समाज मंदिर से अन्य युवती से विवाह कर लिया है। युवती से पूछने पर उसने बताया कि हमारी शादी की तो एक साल से बात चल रही थी। युवती समझ गई कि उसके साथ बड़ा धोखा हुआ है। इसके बाद महिला थाने में आपबीति सुनाकर लिखित शिकायत की। इस पर पुलिस ने दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कर मामला न्यायालय में पेश किया। यहां पर अपर लोक अभियोजक दीपक पौराणिक ने शासन की ओर से पीड़िता का पक्ष रखा।
पीड़िता, उसके माता—पिता के बयान, गवाह, साक्ष्यों के आधार पर प्रथम जिला न्यायाधीश तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश दिनेश सिंह राणा ने डॉक्टर को दोषी पाते हुए सजा का ऐलान किया। अपर लोक अभियोजक दीपक पौरारिण ने बताया कि डॉक्टर संदीप ठाकुर ने युवती के साथ बार—बार रेप किया। इससे उसका शारीरिक और मानसिक शोषण हुआ। स्टांप पेपर लिखकर बदल गया। न्यायालय ने डॉक्टर को दोषी पाते हुए धारा 376 2 एन में दस साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया।
दूसरी धारा 417 के तहत 2 साल की सजा और 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। दोनों धाराएं साथ चलेंगी ऐसे में उसे दस साल सजा भुगतनी होगी। चूंकि आरोपी ने जबरन बंधक नहीं बनाया था इसलिए आजीवन कारावास की जगह न्यूनतम सजा से दंडित किया गया। डॉक्टर ने युवती पर जबरन दोस्ती और संबंध बनाने के आरोप लगाए लेकिन वह उन्हें सिद्ध नहीं कर सका। विद्वान न्यायाधीश ने पढ़े लिखे व्यक्ति द्वारा किए कृत्य पर उसे सश्रम कारावास से दंडित किया।