Sagar-मतदान बहिष्कार का हुआ था ऐलान, अधिकारी पहुंचे गांव, बोले जलसंकट मिटाएंगे
देवरी के सिलारी गांव में जलसंकट से राहत की उम्मीद जाग गई है। परेशान ग्रामवासियों द्वारा पानी नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाते हुए मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। इसमें लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार की चेतावनी दी गई थी। बड़ी संख्या में महिला—पुरुष और बच्चे खाली कुप्पे लेकर देवरी जनपद पंचायत पहुंचे थे। महिलाओं का कहना था कि गांव में पिछले पंद्रह साल से हर साल जलसंकट का सामना कर रहे हैं।
इस बार मार्च महीने में ही पूरे हैंडपंप सूख गए। लोग 5—5 किमी दूर से पानी लाकर प्यास बुझाने मजबूर हैं। नेता और अधिकारी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं देते। अब अगर हमें पानी नहीं मिलता है तो हम आने वाली 7 मई को लोकसभा चुनाव में मतदान ही नहीं करेंगे। कलेक्टर दीपक आर्य ने एसडीएम मुनव्वर खान, जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालिका अधिकारी डॉक्टर मनीषा चतुर्वेदी को समस्या के निराकरण के निर्देश दिए।
जिसके बाद अधिकारी देवरी विकासखंड के ग्राम सिलारी पहुंचे। यहां चौपाल लगाकर ग्रामवासियों की समस्याएं सुनी एवं जल संकट दूर करने के संबंध में चर्चा की। एसडीएम मुनव्वर खान ने बताया कि ग्राम में एक-दो हैंडपंप बंद हो गए हैं। इस कारण ग्राम के कुछ वार्डो में जलसंकट की स्थिति निर्मित हो गई है।
ग्रामवासियों ने बताया है कि ग्राम में ही कुआं में आपूर्ति हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध है। इस पर तत्काल सरपंच एवं सचिव को निर्देश दिए हैं कि जनपद पंचायत के माध्यम से पेयजल संकट वाले वार्डों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जाए। इसके अलावा जल संकट का स्थाई हल भी निकाला जा रहा है।