बिजली विभाग की लापरवाही से दिव्यांग युवक की टूटी रीड की हड्डी,नही मिला किसी भी प्रकार का लाभ
बिजली विभाग की लापरवाही से दिव्यांग युवक की टूटी रीड की हड्डी,नही मिला किसी भी प्रकार का लाभ
तिल-तिल मरने को मजबूर दिव्यांग और नई नवेली पत्नी
एक दिव्यांग पति का सहारा बनी उसकी पत्नी। शादी के 15 दिन बाद पति के साथ घटी घटना ने उसे जीवन भर के लिए विस्तर पकड़ा दिया । लेकिन पत्नी ने हिम्मत नही हारी और पति के लिए सावित्री और सती अनुसुइया से कम नही है ।
रायसेन जिले की देवरी तहसील का मामला ,जहाँ बिजली विभाग मजदूरी का काम करने बाला व्यक्ति की जिंदगी विस्तर पर आकर सिमट गई है । उसकी पत्नी और परिवार उसका सहारा बना हुआ है । दिव्यांग को न तो शिवराज सरकार में कोई लाभ मिला और न ही मोहन सरकार में लाभ की उम्मीद है । मामला है देवरी तहसील के ग्राम पंचायत इटुआ के टपरियों टोला का है जहां अरविंद आदिवासी जिसकी उम्र 24 वर्ष थी उस समय बिजली विभाग में ₹400 दिन में तिहाड़ी मजदूरी पर काम करता था। वह 2017 से वह इस विभाग में काम किया करता था। वहीं 2019 में वह बिजली विभाग में बिजली ठीक कर रहा था।
इस दौरान वह खंबे से गिर गया जिससे उसकी रीड की हड्डी टूट गई। और कमर के नीचे का हिस्सा पूरा शून्य हो गया। उस समय काम कर रहे एक साथी मजदूर की मौके पर मौत हो गई। जिसकी भरपाई ना ही बिजली विभाग के ठेकेदार चंद्रभान खूते नही की है। और ना ही सरकार ने वो और उसके परिवार वाले न्याय की गुहार लगाते रहे । उनको न न्याय मिला और ना ही किसी भी प्रकार का मुआवजा उसके घर वालो को मिला । उसकी घटना के नई नवेली पत्नी मजदूरी करके अपने पति धर्म का पालन कर गुजर बसर कर रही है । न तो पंचायत से कोई लाभ मिला है ,और नही सरकार से । कच्चे मकान झोपड़ी में रहकर उम्मीद लगाए बैठा है ।आज तक से दिव्यांग व्यक्ति और उसकी पत्नी ने गुहार लगाई । बही ठेकेदार कुछ मदद करता ,तो शायद कुछ हद तक पीड़ित को लाभ मिल पाता ।