Sagar-किसान ने बंजर जमीन को बनाया हरा-भरा, बेहद कारगर है खेत के वाटर लेवल को बढ़ाने की ये विधि
साल दर साल गिरते वाटर लेवल ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. लेकिन, एक ऐसी विधि है, जिससे किसान अपने खेत का वाटर लेवल खुद बढ़ा सकते हैं. इस विधि को बरसात के दिनों में अपनाने से साल भर खेत में पानी की कमी नहीं होगी और बोरिंग मशीन भी बढ़िया काम करेगी. ये विधि इसलिए भी कारगर मानी जाती है, क्योंकि सागर के एक किसान ने बंजर जमीन को इसी से हरा-भरा कर दिया.
जैविक खेती विशेषज्ञ आकाश चौरसिया सागर के कपूरिया ग्राम में खेती करते हैं. 10 साल पहले जब उन्होंने यहां पर काम शुरू किया था, तब पीने के पानी की भी दिक्कत होती थी. इसके बाद उन्होंने यहां का वाटर लेवल बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू किए. पानी रिचार्ज करने के लिए उन्होंने अपने खेत में तीन तरह के प्रयोग किए.10 साल के बाद वह गर्मी के मौसम में 3 एकड़ की जगह में सब्जियों की खेती कर पा रहे हैं. कैंपस में लगे साढ़े सात हजार वर्षों का मेंटेनेंस भी किए हुए हैं. आकाश पानी को रिचार्ज करने के लिए बारिश से पहले फ्री के जुगाड़ से खेतों में पानी रोकने की विधि का उपयोग करते हैं.
सबसे पहले तो अगर खेत का ढलान पूरब से पश्चिम की ओर है तो उसके अपोजिट साइड यानी उत्तर से दक्षिण की तरफ पूरे खेत में मेड़ बनाएं. ये मेड़ करीब एक फीट गहरी और दो-ढाई फीट की दूरी पर रहे. इस तरह की नालियां पूरे खेत में बना दी जाती हैं. इससे जब बारिश होती है तो पानी खेत में गिरता है और इन नालियों में भर जाता है. इसकी वजह से खेत से बहने वाली मिट्टी भी रुक जाती है और कचरा भी नहीं हो पता है. साथ ही पानी यही के यही जमीन के अंदर चला जाता है.
दूसरी विधि में जब ज्यादा बारिश होती है तो पानी इन नालियों से निकाल कर भी खेत के बाहर जा सकता है, मिट्टी बह सकती है. इसके लिए खेत के चारों तरफ दो फीट चौड़ी 2 फीट गहरी नाली तैयार की जाती है.
तीसरी विधि में खेत के एक कोने में जिस तरफ ढलान अधिक हो, वहां एक गड्ढा 10 फीट आयताकार वाला बनाएं. इसमें खेत से निकलने वाला पानी और मिट्टी भर जाती है. बारिश के दिनों में अगर हमारे एक एकड़ खेत में 40 लाख लीटर पानी गिरता है तो हम इन तीन विधियों से 30 लाख लीटर पानी और 4000 किलोग्राम मिट्टी को खेत के अंदर ही रोकने में कामयाब हो जाते हैं. इसका फायदा हमें एक-दो साल के बाद से ही मिलने लगता है.