अचानक सिंधिया से मिलने दिल्ली पहुँचे गोविंद राजपूत, गुलदस्ता थमाते ही कर दी बड़ी मांग !
तीसरी बार केंद्र में बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भी मंत्री बनाया गया है, जिसके बाद एमपी सर्कार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दिल्ली पहुंचकर इनसे मुलाकात की। उन्हें पुनः केंद्रीय मंत्री बनाए जाने और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस नई जिम्मेदारी में आपका अनुभव और दूरदर्शिता देश-प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी ।
मंत्री राजपूत ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया से मध्यप्रदेश के विकास के संबंध में चर्चा की। साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। इस दौरान मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश में शिक्षा को लेकर चर्चा की और सागरवासियों की वर्षों पुरानी मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रधान से डॉ. सर हरिसिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने के संबंध में बात रखी। उन्होंने कहा कि डॉ. गौर से लोगों की आस्था जुड़ी है। उन्हें भारत रत्न दिया जाए, जिस पर केंद्रीय मंत्री प्रधान ने आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही इस संबंध में चर्चा की जाएगी
सागर के सपूत डॉ. हरिसिंह गौर ने जीवन की सारी पूंजी शिक्षा के लिए दान कर दी थी उन्होंने पिछड़े इलाके बुंदेलखंड के भविष्य को देखते हुए साल 1946 में 20 लाख की नकदी और दो करोड़ से अधिक की वसीयत दान कर सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. इसके अलावा डॉ. हरिसिंह गौर दिल्ली यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति थे. नागपुर यूनिवर्सिटी में भी कुलपति रहे. महिलाओं को वकालत में पंजीयन करने का अधिकार अंग्रेजी संसद में प्रस्ताव लाकर डॉ. गौर ही दिलाया था. इस दौरान उनके कार्य कौशल को देखकर अंग्रेजों ने उन्हें सर की उपाधि दी थी. द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद वह इंग्लैंड से भारत लौटे और फिर विश्व विद्यालय की स्थापना की थी