सागर - डॉ. गौर मूर्ति हटाने के खिलाफ़ निकाला जुलूस सिविल लाइन पर बनाई मानव श्रृंखला
सागर के पितृ पुरुष डॉक्टर सर हरि सिंह गौर ने बुंदेलखंड में शिक्षा के लिए आजादी से पहले 2 करोड़ की संपत्ति दान कर विश्वविद्यालय की स्थापना की थी अब उन्हें डॉक्टर हरि सिंह गौर की प्रतिमा को सिविल लाइन चौराहे से हटकर जिला पंचायत के पास स्थानांतरित किया गया है जिसके बाद शहर में इसका विरोध किया जा रहा है डॉक्टर गौर की मूर्ति वापस सिविल लाइन चौराहे पर स्थापित हो इसके लिए चंद्रा पार्क में एक बैठक हुई और इसके बाद जुलूस निकालकर सिविल लाइन चौराहे तक पहुंचे जहां पर मानव श्रृंखला बनाई गई
तो बैठक में सभी संगठनों ने संकल्प लिया कि दोबारा ससम्मान डॉ. गौर की प्रतिमा सिविल लाइन चौराहे पर स्थापित कराएंगे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 19 जून को शाम 5 बजे चंद्रा पार्क में जिले भर से सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र होंगे। वहां से रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन देकर डॉ. गौर की प्रतिमा ससम्मान पुनः स्थापित करने की मांग करेंगे और अपनी भावनाओं से अवगत कराएंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर पुनः प्रतिमा स्थापित करने के लिए चर्चा करेंगे।
इस बात को लेकर भी वक्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई कि मूर्ति विस्थापन का काम इस तरह से क्यों किया गया? जिन लोगों ने इसमें अपनी सहमति दी प्रशासन उनके नाम सार्वजनिक करे। ताकि डॉ. गौर के प्रति इस तरह की भावनाएं रखने वालों को संपूर्ण जिलेवारी जान सकें।
इधर सिविल लाइन से विस्थापित की गई डॉ. हरीसिंह गौर की मूर्ति के सामने चल रहा निर्माण पूरा हो गया है। यहां महज 2 दिन के भीतर रैलिंग आदि लगाकर मूर्ति के आसपास काम किया गया है। निगमायुक्त राजकुमार खत्री का कहना है कि मूर्ति को पूरे सम्मान के साथ यहां पर स्थापित किया गया है। जल्दी ही यहां पर बैठने की व्यवस्था करते हुए ओपन वाचनालय बनाया जाएगा। जिससे लोग यहां बैठकर पढ़ाई भी कर सकेंगे। इस स्थान पर और भी काम कराए जाएंगे। जिससे यह और भी भव्य स्थल बन सके। डॉ. गौर सागर के गौरव हैं। हर किसी की अटूट आस्था उनके प्रति है।