Rajghat dam overflows, see spectacular views, crowd of people gathered
सागर शहर के लोगो को पिछले डेढ़ महीने से जिस बात का इंतजार था वह अब खत्म हो गया है, मानसून सीजन के दूसरे महीने में राजघाट बाँध ओवर फ्लो हो गया है, जिसके बाद राजघाट बांध के नीचे ऐसा लग रहा है जैसे बेबस नदी ने आज पानी की दूधिया चादर ओढ़ ली हो, दो दिन पहले तक शांत और सुनसान पड़े इस इलाके में चमक आ गई है, बेबस का बेग और नाद सुनकर लोग रोमांचित हो रहे है, वही बाँध से कुछ आगे कुंड में छलांग लगाते पानी से निकलने वाला धुआँ भेड़ाघाट की तरह अपने पास खींच रहा है, लेकिन बेबस की धार का बेग इतना तेज है कि वह पास आने से लोगो को डरा भी रहा है
जैसे ही शनिवार सुबह लोगों को इसकी खबर लगी तो बड़ी संख्या में लोग राजघाट बाँध पहुंचने लगे, और फिर वहां कोई रील बना रहा तो कोई सेल्फी लेते हुए नजर आया तो वही भुट्टा के भी ठेले लग गए है बीच बीच में हो रही रिम झिम बारिश के साथ लोग एक तरफ जहां राजघाट को निहार रहे है तो दूसरी तरफ भुट्टा का आनंद ले रहे है,
सावन के पहले दिन जिस तरह से बारिश शुरु हुई थी इससे ऐसा माना जा रहा था की राजघाट जुलाई में ही ओवर फ्लो हो जाएगा और हुआ भी वैसा ही, दरअसल राजघाट बांध शुक्रवार रात 9 बजे ओवरफ्लो हो गया था बांध की कुल क्षमता 515.15 मीटर है। इससे ज्यादा जलभराव होने के बाद यह छलकने लगा। 8 सालों में चौथी बार है जब बांध जुलाई माह में ही ओवरफ्ला हो गया। पिछले साल 29 जून को ही बांध ओवरफ्लो हो गया था। 2022 में 23 जुलाई, 2021 में 1 अगस्त, 2020 में 21 अगस्त, 2019 में 1 अगस्त, 2018 में 18 जुलाई और 2017 में 21 जुलाई को बांध ओवरफ्लो हुआ था। 19 जुलाई तक बांध 509.75 मीटर ही भरा था। इसके बाद लगातार अच्छी बारिश होने के चलते बांध में जल स्तर तेजी बढ़ा। महज 7 दिन में ही बांध में 5.40 मीटर जलभराव और हुआ और बांध ओवरफ्लो हो गया। इससे पहले यह आशंका जताई जा रही थी बांध ओवरफ्लो इस बार सबसे लेट हो सकता है। बहरहाल, बांध ओवरफ्लो होने से अब जलापूर्ति तय शेड्यूल से होने की उम्मीद जनता को है। टाटा की नई पाइपलाइन की टेस्टिंग यदि बारिश के सीजन में ही करा ली जाए तो उसमें व्यर्थ बहने वाले पानी से अभी बांध की जलभराव क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।