Workers were freed from Madhya Pradeshs Gujarat, they were taken hostage to make cakes and used to get oil packing done.
एमपी के बैतूल पुलिस ने गुजरात के भचाऊ से 7 मजदूरों को रेस्क्यू किया है। पिछले मई में इन मजदूरों को केक फैक्ट्री में काम के नाम पर ले जाया गया था। जहां उनसे एक ऑयल मिल में पैकेजिंग का काम लिया जा रहा था। पुलिस ने यहां एजेंट के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज कर एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। मजदूरों के परिजनों ने बैतूल में जन साहस संस्था से संपर्क किया था। जिसके बाद संस्था की जिला समन्वयक पल्लवी टाकरकर ने परिजनों के साथ जिला कलेक्टर को आवेदन दिया था।
जिसमें मजदूरों को वापस लाने की गुहार लगाई गई थी। संस्था के मुताबिक एजेंट जितेंद्र कुमरे ने 24 मई 2024 को इन मजदूरों को 18 हजार प्रति माह की मजदूरी पर अच्छे काम का वादा करके गुजरात भेजा था। ठेकेदार जितेंद्र ने मजदूरों को काम पसंद न आने पर घर लौटने का भरोसा दिया था। हालांकि, गुजरात गए इन मजदूरों के साथ वहां मारपीट और अभद्रता होने लगी। उन्हें समय पर मजदूरी भुगतान न करने, बंधक बनाकर रखने जैसी समस्या सामने आने लगी। उनसे मोबाइल छीन लिए गए।
किसी तरह दूसरे के मोबाइल से परिजनों को संपर्क कर मजदूरों ने अपनी स्थिति बताई। जिसके बाद संस्था ने कलेक्टर को घटनाक्रम के बारे में बताया है। कलेक्टर और एसपी ने लिया संज्ञान कि प्रभूढाना के देव प्रकाश गाडगे और कृष्णा धुर्वे राम घाटी की मनौती धुर्वे सहित सभी मजदूरों के परिजन जन साहस संस्था से मिले थे। उन्होंने बताया की एजेंट जितेंद्र कुमरे ग्राम लावन्या, ब्लॉक बैतूल का निवासी हैं।
जिसने मजदूरों को ठेकेदार जितेंद्र भाई के पास भचाऊ, जिला कच्छ, गुजरात भेजा था। जहां बूंगी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भचाऊ, जिला कच्छ, गुजरात में उनसे ऑयल पैकिंग का काम कराया जाने लगा। जबकि ले जाते समय उन्हें बताया गया था। उन्हें काम पसंद न आने पर घर लौटने की अनुमति थी। लेकिन ठेकेदार ने उन्हें बंधक बना लिया। जो मजदूर भागने की कोशिश करते थे, उन्हें पकड़कर मारा जाता था। सभी मजदूरों के मोबाइल छीन लिए गए थे।