A unique tradition going on for 101 years, Jal Vihar Yatra of Shri Krishna is taken out.
101 साल से चल रही अनोखी परम्परा ,श्रीकृष्ण की निकाली जाती है जल विहार यात्रा
एमपी के रायसेन जिले के उदयपुरा में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन श्री कृष्ण की जलविहार शोभायात्रा निकाली जाती है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण विमान में सवार होकर नगर का भ्रमण करते हैं । वही यह शोभायात्रा श्री राम जानकी बड़ा मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए दशहरा मैदान लोधीपुरा पहुंचती है जहां विमान में 4 लोग लगे होते हैं और श्रद्धालु विमान के नीचे से निकलते हैं श्रद्धालुओं का ऐसा माना जाता है कि विमान के नीचे से निकलने से उनके दुख दरिद्रता दूर हो हो जाती है और भजन मंडली के साथ यह यात्रा शाम 4:00 बजे निकाली जाती है जो नगर के मुख्यमार्गों से होते हुए 5 km चलती है ।
जिसमें नगर के सभी धर्म प्रेमी बंधु शामिल होते हैं वही 33 फीट ऊंची दही की मटकी बांधी गई है जिससे तोड़ा गया है यह परंपरा 100 वर्षों से अनवरत जारी है वही इस बार कोरोना गाइडलाइन के चलते हुए सोशल डिस्टेंशन के साथ निकाली गई है । रायसेन जिले के उदयपुरा में 100 वर्षो से चल रही परम्परा का निर्वाहन किया गया हैं । उदयपुरा के श्रीराम जानकी बड़ा मंदिर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन भगवान श्रीकृष्ण विमान में बैठकर जल विहार के लिए नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए लोधीपुरा पहुँचते है जहां नाले में जल विहार किया गया बही भक्तो की संगीत टोली साथ निकली हैं ।
लोगो का माना जाता हैं कि भगवान विमान में बैठकर नगर का भ्रमण करते है । और और इस परंपरा को 100 वर्षो से किया जा रहा हैं ।फिर हांडी फोड़ी जाती हैं जो 35 फिट ऊंची बांधी गई से जिसे नगर की टोलियो द्वारा तोड़ा गया हैं ।लोग विमान के नीचे से निकलते है इसे भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद माना जाता हैं।