केले और केले के रेशों से बने गणपति बप्पा ने किया अट्रेक्ट,देखकर आप भी रह जाएंगे आश्चर्यचकित
एमपी के बुरहानपुर जिले में शुरू हुए दस दिवसीय गणेश उत्सव में शहर के नागझिरी स्थित केले और केले के पेड़ के रेशे से बने ईको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्ति आकर्षण का केंद बनी हुई है। दरअसल 22 साल से श्रीराम नवयुवक गणेश मंडल व्दारा हर साल गणेश उत्सव पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते चला आ रहा है।
लेकिन बीते 09 साल से यह मंडल लगातार ईको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्ति स्थापित करके आम जनमानस में जल प्रदूषण रोकने का संदेश दे रहा है। अबतक इस मंडल के सदस्यो ने बर्तन, गन्ना, मिट्टी, फल फ्रुट्स, मसाले, नदी के पत्थर, धागे, व स्टेशनरी के सामान से गणेश जी की मूर्ति बना चुके है।
इस साल उन्होने केला, केले के पेड, केले के फायबर, प्लास के पत्ते का उपयोग कर महज दो कलाकारों ने अपनी रचनात्मक सोच को गणेश जी का आकर दिया है। इसे बनाने में 5 हजार रूपए का खर्च आया है। लिहाजा इस मूर्ति को बनाने को लेकर यह मंडल जल प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण के साथ साथ फिजुल खर्च को रोकने का संदेश दे रहा है दर्शक भी इसे काफी पसंद कर रहे है।
इस गणेश मंडल के सदस्यों का कहना है। लगातार 09 साल से ईको फ्रेंडली गणेश जी की स्थापना करने से लोगो ने अपने घरों में पीओपी की जगह ईको फ्रेंडली मिट्टी के बने गणेश जी की स्थापना करना शुरू कर दी है।