लाडली बहना के फॉर्म जमा करने अचानक कलेक्ट्रेट पहुंची सैकड़ो महिलाएं जानिये क्या है माजरा
मध्यप्रदेश में गेमचेंजर कहे जाने वाली लाड़ली बहना योजना के लाभ से वंचित रह गईं महिलाओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर हंगामा कर दिया। महिलाओं के शोर-शराबे का नतीजा यह हुआ कि कलेक्टर को अपने चेम्बर से बाहर आना पड़ गया। महिलाओं का दावा था कि उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों से जानकारी मिली थी कि कलेक्ट्रेट में योजना के फॉर्म जमा हो रहे हैं, इसलिए दूर-दराज के इलाकों से सैकड़ों रुपए खर्च करके वे कलेक्ट्रेट पहुंच गईं। लाडली बहना के रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरे जाने की अफवाह पर मंगलवार को कलेक्ट्रेट में 500 से ज्यादा महिलाएं जुट गईं।
प्रशासन भी इससे असमंजस में पड़ गया। महिलाओं को समझाया कि न तो जनसुनवाई, न ही दूसरी जगह लाडली बहना योजना के आवेदन लिए जा रहे हैं। अभी शासन से ऐसे कोई निर्देश नहीं आए हैं। वहीं, अफवाह का फायदा उठाकर कुछ ऑनलाइन सेंटर्स वालों ने खूब चांदी काटी। पुराने फॉर्म की फोटो कॉपी 10 से 50 रुपए तक में महिलाओं को बेची।
अफवाह क्यों और कैसे फैली? दैनिक भास्कर ने जब पता लगाया तो मालूम हुआ कि पिछले मंगलवार को जनसुनवाई में कुछ महिलाएं लाडली बहना योजना का पुराना फॉर्म भरकर जमा करने पहुंची थीं। फॉर्म पुराने थे और प्रिंट निकालकर दे दिए गए थे। इन फॉर्म पर फोटो भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का था। महिला बाल विकास विभाग ने महिलाओं को यह तो बता दिया कि अभी फॉर्म भरे नहीं जा रहे हैं, लेकिन अधिकारी ने सभी के फॉर्म अपने पास ले लिए। बस यहीं से महिलाओं के बीच यह मैसेज चला गया कि लाडली बहना के फॉर्म भरे जा रहे हैं।
आज, जनसुनवाई में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचने लगीं। वे अपने साथ पुराना फॉर्म भरकर लाई थीं। महिलाओं की कलेक्ट्रेट में लाइन लग गई। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी आए और महिलाओं को समझाया। उन्होंने बताया कि जब भी निर्देश आएंगे तो ग्रामीण स्तर पर ही ऑनलाइन फॉर्म जमा होंगे। अभी किसी तरह के कोई फॉर्म नहीं लिए जा रहे। हालांकि, इसके बाद भी महिलाओं को यकीन नहीं हुआ। वे फॉर्म जमा करने पर अड़ी रहीं। महिलाओं का कहना था कि वे इतनी दूर से फॉर्म भरने आई हैं। आने-जाने के किराए, फॉर्म खरीदने में पैसे खर्च हो गए। पहले भी फॉर्म नहीं भर पाए थे। अब भी फॉर्म नहीं लिए जा रहे।
जब पैसा देना है तो सभी को दो या फिर किसी को मत दो। कुछ ऑनलाइन दुकान संचालकों के कर्मचारी इस अफवाह का फायदा उठाकर कलेक्ट्रेट के बाहर खड़े हो गए। वे फॉर्म की फोटो कॉपी कराकर लाए थे। मौके पर ही महिलाओं से पैसे लेकर उन्हें फॉर्म दे रहे थे। कलेक्टर सत्येंद्र सिंह को इसकी जानकारी लगी, तो वे खुद ही जनसुनवाई से उठकर कलेक्ट्रेट के पीछे वाले रोड पर उन्हें पकड़वाने पहुंच गए।
हालांकि, प्रशासन को आता देख फॉर्म बांटने वाले दलाल भाग खड़े हुए। महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रभारी सहायक संचालक दिनेश चंदेल ने बताया कि मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के वर्तमान में आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। जब भी निर्देश आएंगे, तो इसकी जानकारी दी जाएगी। विभाग ने सभी महिलाओं से निवेदन किया है कि जनसुनवाई या किसी जगह पर आवेदन नहीं दें।