Sagar-पितृ मोक्ष अमावस्या, दुबई से पिंडदान करने अपने गांव लौटा बेटा
Sagar-पितृ मोक्ष अमावस्या, दुबई से पिंडदान करने अपने गांव लौटा बेटा
सर्व पितृ अमावस्या पर बुधवार को सागर के चकराघाट पर सैकड़ो की संख्या मे लोगो ने अंतिम तर्पण देकर विदाई दी, यह दिन उन पितरों के श्राद्ध के लिए भी विशेष महत्व रखता है, जिनकी मृत्यु की तिथि पता नहीं होता है। श्राद्ध कर्म और तर्पण द्वारा पितरों को संतुष्ट किया जाता है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु चकराघाट पहुंचे, सागर के प्रमोद कुमार पिछले 30 सालो से दुबई में है लेकिन वह अपनी संस्कृति नहीं भूले है, वह दुबई में रहकर भी तर्पण करते थे इस बार श्राद्ध पक्ष में गया जी जाने के लिए अपने देश लौटे थे हालांकि यहां इनका पुश्तैनी घर है अन्य परिजनों के साथ गया जी गए थे 28 सितंबर को वहां गए थे वहां कारज करने के बाद लौटे,
वही अमावस्या पर चकराघाट पहुंचकर अन्य दान धर्म कर पितरो को विदाई दी,वही इसके अलावा अन्य जातको ने तर्पण करते हुए अपने पितरों को प्रसन्न करने दान-पुण्य किया। मान्यता है कि श्राद्ध कर्म से पितरों को तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर पितृ लोक लौट जाते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या को पितरों के मोक्ष के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन किया गया दान-पुण्य और श्राद्ध कर्म पितरों के आशीर्वाद के साथ-साथ परिवार के कल्याण के लिए भी शुभ माना जाता है।