सागर विश्वविद्यालय में बंगले की छत पर सो रहा था बच्चा, 4 घंटे बाद दूसरा दिखा, अब तो टहलना भी बंद हो गया
सागर के डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में 5 दिन बाद फिर तेंदुआ का मूवेंट हुआ। इस बार 4 घंटे के भीतर दो तेंदुआ देखे गए। इनमें सुबह 7 बजे असिस्टेंट प्रोफेसर के बंगले की छत पर तेंदुआ देखा गया, वह सबसे छोटा है। बिल्ली से थोड़े बड़े आकार का यह तेंदुआ बंगले की छत पर सो रहा था। सफाई करने माली गया तो तेंदुआ के बच्चे को देखकर शोर मचाया। इसे सुनकर वह भाग गया। इसके 4 घंटे बाद ही सुबह करीब 11 बजे आवासीय कैंपस में ही एक बड़े तेंदुआ को सड़क पर चलते हुए देखा गया। 5 दिन पहले दो तेंदुआ देखे गए थे। अब एक छोटे तेंदुआ को और मिला लें तो अब तक तीन तेंदुआ विवि परिसर में नजर आ चुके हैं। तेंदुआ की चहलकदमी से विवि के शिक्षक, अधिकारी, विद्यार्थी, कर्मचारी सकते में हैं। हालांकि रविवार होने के कारण वन विभाग का अमला छुट्टी पर रहा। वन कर्मचारियों ने सूचना पर एक राउंड जरूर लगाया लेकिन तेंदुआ नजर नहीं आने पर वे वापस लौट गए। विवि के शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों का कहना है कि ड्रोन से सर्चिग की जाए, ताकि जल्द से जल्द तेंदुआ का रेस्क्यू किया जा सके।
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रंजीत रजक ने बताया कि मेरे बगीचे में जो माली काम करता है, वही सीढ़ियों से छत पर गया तो तेंदुआ नजर आने पर वह चिल्लाते हुए भागा। इसके बाद हम लोग भी अंदर से भागते हुए बाहर निकले। रात 1.30 बजे तक हम लोग जाग रहे थे, तेंदुआ उसी के बाद से लेकर सुबह 7 बजे के बीच आया होगा। सीसीटीवी कैमरे में उसे जाते हुए देखा गया। हालांकि जिस दिशा में कैमरे नहीं हैं, वह उसी दिशा से आया होगा, क्योंकि आते हुए नजर नहीं आया। अब जल्दी से रेस्क्यू होना चाहिए, हम लोगों ने रात में टहलना भी बंद कर दिया है।