सागर-रमझिरिया पहाड़ी पर गोवर्धन मंदिर में आंवला वृक्षों के नीचे श्रद्धालुओं की लगी भीड़
शहर के अतिप्राचीन रमझिरिया पहाड़ी श्री देव गोवर्धन मंदिर में अक्षय नवमी के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन किया गया। साथ ही आंवला के वृक्ष की पूजा करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में पहुंचे प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक गोवर्धन मंदिर जहां चारों ओर घना जंगल और पहाड़ है। वहीं आवले के कई वृक्ष मंदिर परिसर की शोभा बढ़ा रहे है। ऐसी मान्यता है कि आवले के वृक्ष के नीचे भोजन करने से सुख समृद्धि आती है साथ ही जिस भी चीज का दान आज किया जाता है।
वह अक्षय हो जाता है। भगवान गोवर्धन की परिक्रमा करने भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। दरअसल कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी व्रत किया जाता है। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा कर उसके नीचे खाना बनाने और वहीं पर खाने की परंपरा है।
बताया जाता है कि आंवले के पेड़ में त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित सभी देवताओं का वास होता है। मान्यता है कि आंवला नवमी पर व्रत व पूजा करने से संतान सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
वहीं गोवर्धन मंदिर के संरक्षक रामकिशन यादव ने कहा कि कई वर्षों से आंवला नवमी के दिन यहां मेले का आयोजन होता आ रहा है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने मंदिर में पहुंच रहे हैं सुबह से ही यह प्रक्रिया लगातार जारी है। जो देर शाम तक चलती रहेगी।