निर्मला सप्रे की फिर बढ़ी मुसीबतें,सदन में अपने साथ नहीं बैठाएगी कांग्रेस | sagar tv news |
लोकसभा चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश की सियासत पर अचानक सुर्खियों में आईं बीना विधायक निर्मला सप्रे अब फिर चर्चा में हैं। चर्चा 16 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र को लेकर है। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीतीं सप्रे को काग्रेस अब अपने खेमे में बिठाने को तैयार नहीं।
तर्क है कि निर्मल्रा भाजपा खेमे में चली गईं, इसलिए कांग्रेस ने अपने विधायकों की सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया है। सदस्यता समाप्त करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन दिया, लेकिन तीन माह बाद भी कोई फैसला नहीं हो सका। भाजपा ने अभी तक कोई पत्ते नहीं खोले हैं।
विधानसभा सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय को बैठक व्यवस्था तय करनी है। इसके लिए दलों की ओर से विधायको की सूची दी जाती है। कांग्रेस ने जो सूची दी है, उसमें सप्रे का नाम नहीं है। कांग्रेस चाहती है कि निर्मला पर दलबदल कानून के तहत एक्शन हो। सदस्यता समाप्त होनी चाहिए।
विधायकों की बैठक व्यवस्था दलों की सहमति से होती है, लेकिन सप्रे का मामला अटकने से गेंद स्पीकर के पाले में है। स्पीकर तय करेंगे कि उन्हें सदन में कहां बैठने का स्थान देना है। संवैधानिक मामलों की जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में स्पीकर कांग्रेस सदस्यों के सबसे आखिर में निर्मला की बैठक व्यवस्था तय कर सकते हैं। वहीं हाईकोर्ट पर भी निगाहें टिकी हैं।