Sagar-कौन थे लाखा बंजारा? जिन्होंने 400 एकड़ जगह में कराया था तालाब का निर्माण,जानिए पूरी कहानी
सागर शहर के बीचों बीच एक खूबसूरत लाखा बंजारा झील है, जिसे 400 साल पहले लाखा बंजारा ने निर्माण कराया था. इसी झील का सदियों बाद जीर्णोद्वार और सौंदर्यकरण का कार्य होने के बाद इसका लोकार्पण मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के दो-दो मुख्यमंत्री करने जा रहे हैं. साथ ही इस झील का निर्माण करने वाले लाखा बंजारा झील की प्रतिमा का अनावरण भी किया जाएगा. सागर बसने के बाद पहली बार लाखा बंजारा प्रतिमा को स्थापित किया गया. अब यह प्रतिमा 400 साल पुराना इतिहास आने वाली पीढ़ियों को सुनाएगी.
लाखा बंजारा झील में पानी के लिए बेटे और बहू के कुर्बानी देने की कहानी तो आपने सुनी होगी. लेकिन आज हम आपके लिए यह बताने जा रहे हैं की अखंड भारत के सबसे बड़े व्यापारी दिल्ली रायसिना हिल्स के मालिक ने सागर में तालाब का निर्माण क्यों कराया था, लाखा बंजारा किस तरह के व्यापारी थे.
सागर के इतिहासकार डॉक्टर रजनीश जैन बताते हैं कि लाखा बंजारा इतिहास में लख्खी शाह बंजारा के नाम प्रसिद्ध हैं. खास तौर पर सिख इतिहास में उन्हें बड़े ही आदर और सम्मान के साथ देखा जाता है. लख्खीशाह बंजारा का जन्म 15 अगस्त 1580 को दिल्ली के रायसिना टांडा में हुआ था. पिता का नाम गोधू और दादा का नाम ठाकुरदास बंजारा था. उनके पास दो लाख बीस हजार बैल और बीसियों हजार मालवाहक बैलगाड़ियाँ थीं.
जिनमें से हरेक पर लगभग तीन क्विंटल माल लदा होता था. मूलतः नमक, अनाज के अलावा ,घोड़ो की काठें या ज़ीन, रकाबें, हौदे, सैन्य रसद का सामान लदा होता था . लख्खी शाह लवान बंजारा समुदाय के प्रमुख थे. लवान मतलब नमक, पुराने समय में नमक बहुत महत्वपूर्ण चीज थी. उसके साथ जो अन्य चीज हैं जिस तरह से आज परिवहन के लिए रेलगाड़ी मालगाड़ी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था है उसे समय पूरा ट्रांसपोर्टेशन लख्खी शाह बंजारे के पास था. वह विशाल अखंड भारत में चार टांडा (मवेशियों का काफिला) के माध्यम से चारों दिशाओं में माल की आपूर्ति करते थे. जहां से काफिला गुजरता था वहां उन्होंने देशभर में जगह-जगह कुआ बावड़ी तालाब सराय किले का निर्माण कराया था
सागर के तालाब को उन्होंने गढ़पहरा के दांगी राजाओं से अनुमति लेकर निर्माण कराया था लाखा बंजारा काफिला लेकर गुजरते तो उनके मनवेशियों को पानी की आवश्यकता होती थी.