Sagar -कस्तूरबा गांधी छात्रावास की छात्राओं का तहसील कार्यालय के सामने धरना, प्रशासन पर लगाए पक्षपात के आरोप
सागर जिले के खुरई के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की छात्राओं ने शनिवार को तहसील कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन किया। छात्राओं ने प्रशासन पर मनमानी कार्रवाई का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रकट किया। छात्राओं ने प्रशासन द्वारा छात्रावास अधीक्षक और उनके बेटे पर लगाए गए आरोपों को गलत बताया और कार्रवाई को एकतरफा करार दिया। धरने पर बैठी छात्राओं ने बताया कि 8 जनवरी को छात्रावास की चार छात्राओं ने कलेक्टर के सामने छात्रावास अधीक्षक के बेटे पर बड़े आरोप लगाए थे।
इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच करते हुए अधीक्षक के बेटे पर एफआईआर दर्ज कर ली और छात्रावास अधीक्षक को उनके पद से हटा दिया। छात्राओं का आरोप है कि चार छात्राओं को अधीक्षक और उनके बेटे के खिलाफ भड़काया गया। प्रशासन ने केवल उन्हीं चार छात्राओं की शिकायत सुनी और अन्य छात्राओं की बातों को अनसुना कर दिया। छात्राओं ने कहा कि एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव और थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा ने निरीक्षण के दौरान उनकी बात सुनने की बजाय उन्हें डांटकर चुप करा दिया। प्रदर्शन कर रही छात्राओं का कहना है कि अधीक्षक और उनके बेटे पर लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे हैं। छात्राओं ने बताया कि उनकी परीक्षाएं नजदीक हैं और इस घटना के कारण उन पर मानसिक दबाव बढ़ गया है।
उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि अधीक्षक और उनके बेटे पर लगे सभी आरोपों को हटाया जाए और उन्हें निर्दोष करार दिया जाए। तहसील कार्यालय में कोई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं होने के कारण छात्राएं भड़क गईं और कार्यालय के गेट पर ही धरने पर बैठ गईं। छात्राओं ने मांग की कि एसडीएम स्वयं मौके पर आकर ज्ञापन लें। जब कानूनगो और पटवारी ज्ञापन लेने पहुंचे तो छात्राओं ने उन्हें ज्ञापन देने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार की हड़ताल और एसडीएम के सागर में बैठक में होने के कारण कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं हो सका।
छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन की कार्रवाई पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है। छात्रावास की अन्य छात्राओं की बातों को नजरअंदाज कर सिर्फ चार छात्राओं की शिकायत पर अधीक्षक और उनके बेटे के खिलाफ कदम उठाया गया। धरने के चलते तहसील कार्यालय के बाहर हल्का तनाव बना रहा। छात्राओं ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे धरना जारी रखेंगी।