Sagar-डोहेला महोत्सव में कुमार विश्वास को सुनने पहुंचे हजारों लोग,देर रात तक कविताओं पर झूमते रहे
सागर जिले के खुरई में चल रहे किला डोहेला महोत्सव के दूसरे दिन कवि डॉ. कुमार विश्वास ने प्रस्तुति दी। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में धर्म से लेकर राजनीति और युवाओं से लेकर जिंदगी के संघर्षों पर कविताएं पढ़ी। चुटीली बातों से लोगों को गुदगुदाया भी। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में भगवान के द्वारकाधीश बनने के बाद मथुरा लौटने पर राधा रानी के साथ उनके संवाद को सुनाया। फिर भगवान श्रीकृष्ण ने क्या उत्तर दिया होगा,
उसे अपनी कविता के माध्यम से बताते हुए उच्च पद पर होने पर लोगों की अपेक्षाओं के बारे में समझाया। कविता के अंतिम पद में उन्होंने कहा स्थिति अंत में यही होती है- रस का माखन सबने चाखा, चोर हमीं कहलाए......
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह का अनेक बार उल्लेख किया। वोटिंग को लेकर भाजपा पर भी व्यंग्य करते हुए चुटकुला सुनाया। राजनीति पर व्यंग्य करते रहे। उन्होंने कहा कि हंसने का काम सिर्फ मनुष्य कर सकता है, फिर उदासी कैसी।
मुझे बुलाने में लोगों के खजाने खाली हो जाते हैं लेकिन तुम्हारे नेता की मोहब्बत में आया हूं यहां तक। यह उस एक आदमी की मोहब्बत का परिणाम है कि मुंबई के सारे कलाकार यहां आने को तरसते हैं। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि दिल्ली में चुनाव हैं और मैं कविता पढ़ रहा हूं, वहां होता तो तिहाड़ में दारू का हिसाब दे रहा होता।
उन्होंने कई टिप्पणियों में वामपंथियों की खिंचाई की। उन्होंने गीत सुनाया तुझी से रात हो जाना, तुझी से भोर हो जाना, तेरी खामोशियों से, जिंदगी में शोर हो जाना, तेरी ताकत है मेरे इश्क को कमजोर कर देना, मेरी ताकत है तेरे सामने कमजोर हो जाना।