अवैध तो पूरा इंदौर है, क्या सब तोड़ दोगे? - विधायक महेंद्र हार्डिया का अतिक्रमण कार्रवाई पर सवाल
एमपी के इंदौर में एक ओर जहां जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम शहर के फुटपाथों और सड़कों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। बुधवार शाम इंदौर के मालवा मिल क्षेत्र में फुटपाथ पर बने अवैध कब्जों को हटाने पहुंची नगर निगम की टीम को स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों के विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा। कार्रवाई का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों का कहना था कि फुटपाथ पर कारोबार करना उनकी आजीविका का हिस्सा है।
इस दौरान विधायक महेंद्र हार्डिया भी मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से सवाल-जवाब करते हुए कार्रवाई रोकने को कहा। मौके पर मौजूद विधानसभा क्रमांक 5 के विधायक महेंद्र हार्डिया ने एसडीएम प्रदीप सोनी को फोन पर चेतावनी भरे लहजे में कहा, मैं यहां बैठा हूं, आप कार्रवाई करके दिखा दीजिए। जब एसडीएम ने कब्जों को अवैध बताते हुए कार्रवाई को सही ठहराया, तो विधायक ने पलटवार करते हुए कहा, अवैध तो पूरा इंदौर है, तो क्या आप पूरा इंदौर तोड़ देंगे?
विधायक ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मनमाने तरीके से कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने एसडीएम से यह भी कहा, आप तो कलेक्टर से भी बड़े हो गए हैं। यह संवाद मौके पर मौजूद लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। नगर निगम और प्रशासन की टीम इंदौर के भंडारी मार्ग पर लंबे समय से हो रहे अतिक्रमण को हटाने पहुंची थी। जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने टीम को घेर लिया और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। विवाद बढ़ता देख विधायक महेंद्र हार्डिया मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का विरोध करते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई।
विधायक महेंद्र हार्डिया और एसडीएम प्रदीप सोनी के बीच फोन पर हुई बातचीत का वीडियो देर रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में विधायक एसडीएम को चुनौती देते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने एसडीएम से कहा कि इस तरह की कार्रवाई से लोगों की रोजी-रोटी छिन रही है। नगर निगम और जिला प्रशासन ने भंडारी मार्ग पर लंबे समय से अतिक्रमण की शिकायतें मिलने पर यह कार्रवाई की थी। हालांकि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और निवासियों के विरोध के चलते अधिकारियों को बिना कार्रवाई किए ही वापस लौटना पड़ा।
विधायक महेंद्र हार्डिया ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ फुटपाथ के छोटे व्यापारियों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि बड़े अतिक्रमण पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि प्रशासन को ऐसी कार्रवाइयों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इंदौर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बढ़ते तनाव से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या इस तरह के विरोधों के बीच अतिक्रमण को खत्म करना संभव हो पाएगा। वायरल वीडियो और विवाद ने मामले को और गर्मा दिया है, जिससे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद की जरूरत सामने आई है।